भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Yadav) की फिल्में जब सिनेमाघरों में लगती है तो हाथों हाथ टिकट्स बुक होती हैं. बड़े पर्दे पर फिल्म की कमायाबी तो दिनेश लाल ने खूब देखी है लेकिन अब राजनीति के मैदान में भी उन्हें कामयाबी मिली है. लोकसभा उपचुनाव में दिनेश लाल यादव को आजमगढ़ से बड़ी जीत मिली है. दिनेश लाल ने सोशल मीडिया पर अपनी जीत का ऐलान किया है. राजनीति के साथ ही फिल्म इंडस्ट्री में भी दिनेश लाल ‘निरहुआ’ बनकर छाए हैं. मगर दिनेश लाल से भोजपुरी सिनेमा के ‘निरहुआ’ बनने तक का सफर कैसा रहा चलिए बताते हैं.

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दिनेश लाल यादव कैसे बने भोजपुरी स्टार ‘निरहुआ’? 

2 फरवरी, 1979 को गाजीपुर में जन्में दिनेश लाल यादव बहुत ही साधारण परिवार में जन्में हैं. इनके पिता मात्र 350 रुपये मंथली के आधार पर नौकरी करते थे. निरहुआ का एक भाई है और बहनें हैं यानी वे अपने माता-पिता के 5 बच्चे हैं. निरहुआ बचपन से ही गीत-संगीत में माहिर थे और उनके चचेरे भाई विजय लाल से उन्होंने संगीत सीखा.

बतौर गायक उन्होंने इंडस्ट्री में पैर रखा और शादी-बारात में गाने लगे. साल 2003 में उनका म्यूजिक एलबम ‘निरहुआ सटल रहे’ आया जो सुपरहिट रहा और ये टाइटल उनके नाम के साथ जुड़ गया. अब लोग उनका नाम दिनेश लाल याद रखें ना रखें लेकिन ‘निरहुआ’ जरूर याद रखते हैं.

साल 2006 आते-आते दिनेश लाल की की फिल्में बैक टू बैक आईं और वो हिट भी हुईं. दिनेश लाल ना सिर्फ बिहार के स्टार बने बल्कि यूपी और झारखंड के लोग भी उनके दीवाने हो गए. साल 2007 में आई फिल्म निरहुआ रिक्शा वाला भोजपुरी सिनेमा की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई और इस सीरीज में उनकी 6 फिल्में आईं.

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भोजपुरी सिनेमा में दिनेश लाल का नाम निरहुआ के तौर पर खूब प्रचलित हुआ. वैसे तो निरहुआ के साथ कई बड़ी एक्ट्रेसेस के साथ काम किया लेकिन आम्रपाली दुबे के साथ उनकी जोड़ी खूब चर्चा में रही. आज भी उनकी दोस्ती बहुत खास है और चुनाव प्रचार में भी आम्रपाली दोस्त का साथ देने मैदान पर उतरी थीं.