गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के
तहत 10 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए सरकार अब ई-चालान (E-Challan) अनिवार्य करने जा रही है. इसके तहत 10 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले
कारोबारियों को 1 अक्टूबर से बी2बी ट्रांजैक्शन के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस
जनरेट करना अनिवार्य होगा. सेंट्रल इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स बोर्ड ने इस
बारे में जानकारी देते हुए सर्कुलर जारी किया है.

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आपको बता दें कि इससे पहले मार्च में
20 से 50 करोड़ के टर्नओवर वाले टैक्स का भुक्तान करने वालो के लिए
रजिस्ट्रेशन और लॉगइन की सुविधा शुरू की गई थी. वहीं, बोर्ड ने 1 अप्रैल 2022 से जीएसटी
ई-चालान की सीमा 50 करोड़ से घटाकर 20 करोड़ कर दी थी. गौरतलब है कि पिछले
साल 1 अप्रैल से 50 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियां बी टू बी
इनवॉयस जेनरेट कर रही थीं. जिसे अब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाली
कंपनियों तक बढ़ाया जा रहा है.

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जानिए क्यों लिया गया ये फैसला?

भारत सरकार गुड्स एंड सर्विस टैक्स
के नियमों में निरंतर रूप से बदलाव कर रही है. इसके पीछे सरकार की मनसा टैक्स चोरी
को कम करना है. इससे पहले सरकार अक्टूबर 2020 में फैसला किया था कि जिन कंपनियों
का टर्नओवर 500 करोड़ से ज्यादा है, उन्हें अपने बी2बी
ट्रांजैक्शन पर ई-इनवॉयस जेनरेट करना होगा.

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पोर्टल को देनी होगी जानकारी

फिलहाल यह सीमा 20 करोड़ है, अब
सीबीडीटी ने इसे घटाकर 10 करोड़ करने का फैसला किया है. आपको बता दें कि गुड्स एंड
सर्विस टैक्स पेयर्स ऑनलाइन E-Invoice
रजिस्ट्रेशन पोर्टल के जरिए भेज सकते हैं.
ध्यान रहे कि चालान के तहत टैक्सपेयर्स को अपने इंटरनल सिस्टम के जरिए बिल जनरेट
करना होता है और इसकी रिपोर्ट ऑनलाइन चालान रजिस्ट्रेशन पोर्टल (आईआरपी) पर करनी
होती है.