Malala Day 2022: क्यों मनाया जाता है मलाला दिवस? जानें इतिहास और उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय मलाला दिवस हर साल 12 जुलाई को युवा एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने महिला शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को सम्मानित करने के लिए इस तारीख को मलाला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
अंतर्राष्ट्रीय मलाला दिवस का उपयोग विश्व नेताओं से प्रत्येक बच्चे के लिए अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपील करने के अवसर के रूप में किया जाता है.
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12 जुलाई 2013 को 16 वर्षीय पाकिस्तानी एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक मार्मिक भाषण दिया था. उन्होंने विश्व स्तर पर महिलाओं की शिक्षा तक पहुंच की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और विश्व नेताओं से अपनी नीतियों में सुधार करने का आह्वान किया था.
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मलाला को उनके उल्लेखनीय भाषण के लिए काफी सराहा गया था. चूंकि 12 जुलाई को उनका जन्मदिन था, इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत घोषणा की कि युवा एक्टिविस्ट को सम्मानित करने के लिए इस दिन को ‘मलाला दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा.
कौन हैं मलाला यूसुफजई?
मलाला यूसुफजई का जन्म 1997 में पाकिस्तान के मिंगोरा में हुआ था. उन्होंने 2008 में महिलाओं की शिक्षा की वकालत शुरू की थी. 2012 में तालिबान ने उनको गोली मार दी थी. यूसुफजई को 17 साल की उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यूसुफजई नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की शख्सियत हैं.
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2015 में एक एस्टेरॉइड का नाम यूसुफजई के सम्मान में रखा गया था. यूसुफजई ने 2018 में दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र और राजनीति का अध्ययन करने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया.
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