Home > Types of Holi in Vrindavan: वृंदावन में होली कितने प्रकार से मनाते हैं? यहां जानें
opoyicentral
आज की ताजा खबर

1 year ago .New Delhi, India

Types of Holi in Vrindavan: वृंदावन में होली कितने प्रकार से मनाते हैं? यहां जानें

वृंदावन में लठमार होली उत्सव.(फोटो साभार: Twitter/@aadeshShuklaa)

  • सनातन धर्म में होली के पर्व का अधिक महत्व है.

  • वृंदावन में होली का पर्व अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है.

  • ब्रज में होली का त्योहार 40 दिनों तक चलता है.


Written by:Kaushik
Published: February 27, 2023 02:04:46 New Delhi, India

Types of Holi in Vrindavan: सनातन धर्म में होली के पर्व का अधिक महत्व है. फाल्गुन माह में पूर्णिमा को देशभर में होली का पर्व मनाया जाता है. लेकिन मथुरा में होली के पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. कान्हा की नगरी में होली का उल्लास भी शुरू हो गया है. देश में होली कई तरह से मनाई जाती है. गुलाल और रंग के अलावा फूलों और लठ्‌ठ से होली खेली जाती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वृंदावन में होली का त्योहार 40 दिनों तक चलता है. वृंदावन की होली का अपना विशेष ही महत्व है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वृन्दावन में होली कितने तरह से मनाई जाती है.

यह भी पढ़ें: Holi 2023: नई दुल्हन पहली होली ससुराल में क्यों नहीं मनाती? जानें इसके पीछे की वजह

वृंदावन में होली इतने प्रकार से मनाई जाती है (Types of Holi in Vrindavan)

1. रंगों की होली- देशभर में होली का पर्व मनाया जाता है. लेकिन कान्हा की नगरी ब्रज की होली अपने ही आप में पूरे विश्व को समेटे हुए है. यहां पर होली से एक महीने पहले इस पर्व की शुरुआत होती है. राधा रानी और कृष्ण की लीलाओं का आनंद लिया जाता है. इस खास अवसर पर ब्रजवासियों में एक अलग तरह का उत्साह देखने को मिलता है.

यह भी पढ़ें: Chaturthi in March 2023 Date: मार्च में संकष्टी और विनायक चतुर्थी कब है? यहां जानें

2. लड्डू मार होली- वृन्दावन में रंगों के अलावा लड्डुओं की भी होली खेली जाती है. फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बरसाने के श्रीजी मंदिर में लड्डुओं की होली खेली जाती है. ऐसा कहा जाता है कि श्रीजी लाड़ली मंदिर में लड्डू मार होली की शुरुआत द्वापर युग से हुई थी.

3. लठमार होली- बरसाना की लठमार होली का अपना एक अलग उत्साह है. बरसाना की लठमार होली में शामिल होने के लिए देश समेत विदेश से भी लोग पहुंचते है. इस उत्सव को देखने के लिए आए सैलानी मस्ती का आनंद लेते हैं और यहां की खूबसूरत तस्वीर अपने कैमरे में कैद करते हैं. लठमार होली राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक मानी जाती है.

यह भी पढ़ें: Rangbhari Ekadashi 2023: रंगभरी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं? यहां जानें

4. फूलों की होली- रमणरेती में राधा रानी और कृष्ण के भक्त फूलों की होली खेलते हैं. मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने होली खेलना यही से आरंभ किया था. इसी वजह से ब्रज में होली की शुरुआत रमणरेती में फूलों की होली के साथ होती है. यहां राधा रानी और कृष्ण को फूलों से ढक दिया जाता है.

यह भी पढ़ें: Holashtak 2023: होलाष्टक में शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं? जानें इसकी कहानी

5. दुल्हंडी होली- राजस्थान और हरियाणा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बरसाने की लठमार होली खेली जाती है. इसको दुल्हंडी कहा जाता है. इस होली में अंतर यह है कि यहां देवर-भाभी एक दूसरे को रंगने की कोशिश करते हैं और बदले में भाभी देवर के दुपट्टे से बनाए गए कोड़े से पीटती हैं.

 

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved