रक्षा बंधन (Raksha Bandhan)  का त्योहार सावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन
मनाया जाता है. इस दिन का भाई बहन दोनों ही बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस
दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
जिसके बदले में भाई भी अपनी बहन को उपहार, पैसे और उसकी रक्षा का वचन देता है. इस
दिन शुभ मुहुर्त के साथ साथ भद्रा काल का विशेष ध्यान रखा जाता है. दरअसल, ऐसी
मान्यता है कि भद्रा काल (Bhadra
Kaal)  में राखी बांधना अशुभ होता
है. जानकारों की मानें तो इस बार रक्षा बंधन के दिन भद्रा काल का साया रहने वाला
है. तो चलिए जानते हैं रक्षा बंधन के अवसर पर शुभ मुहुर्त और भद्रा काल के समय के
बारे में.

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रक्षा
बंधन 2022 का शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन तिथि- 11 अगस्त 2022, गुरुवार

शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट
से रात 9 बजकर 14 मिनट

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रक्षा बंधन 2022 भद्रा काल का समय

रक्षा बंधन वाले दिन भद्रा काल की समाप्ति का
समय – रात 9 बजकर 5 मिनट तक

रक्षा बंधन वाले दिन भद्रा पूंछ की समय – 11
अगस्त को शाम 05 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक

रक्षा बंधन भद्रा मुख – शाम 06 बजकर 18 मिनट से
लेकर रात के 8 बजकर 5 मिनट तक

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भद्रा काल में शुभ कार्य न करने का कारण

भद्रा काल को लेकर इस दिन काफी सतर्क रहने की
आवश्यकता होती है. दरअसल पौराणिक मान्यता के अनुसार भद्रा काल को किसी भी शुभ
कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. वहीं इसको लेकर एक प्राचीन कथा भी प्रचलित
है. दरअसल भद्रा भगवान सूर्य और छाया की पुत्री है. इस तरह से भद्रा शनि देव की बहन
हुईं. माना जाता है कि जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह समस्त सृष्टि को निगलने वाली
थीं और सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहीं थीं. जिसके चलते
ऐसी मान्यता है कि भद्रा का साया बचाकर कोई शुभ कार्य करना अच्छा होता है. इसलिए
रक्षा बंधन के अवसर पर इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Opoyi इसकी पुष्टि नहीं करता है.)