हिंदू धर्म में धार्मिक व्रत-त्यौहारों का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म में गोस्वामी तुलसीदास उच्च स्थान प्राप्त हैं और सावन के महीने में आने वाली तुलसीदास जयंती (Tulsidas Jyanti 2022) बहुत खास होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसीदास जयंती श्रावण के पवित्र महीने के कृष्ण पक्ष के सातवें दिन मनाई जाती है. अक्सर लोग तुलसीदास के दोहों के बारे में जानना चाहते हैं और यहां हम आपको उनके 5 दोहों के बारे में बताएंगे जो काफी प्रसिद्ध हैं और उनके हिंदी (Tulsidas ke dohe with Hindi Meaning) अर्थ भी बताएंगे.

यह भी पढ़ें: Tulsidas Jayanti Wishes: तुलसीदास जयंती पर अपनों से शेयर करें शुभ संदेश

तुलसीदास के 5 प्रसिद्ध दोहे और उनके हिंदी अर्थ

1. तुलसी जे कीरति चहहिं, पर की कीरति खोइ।

तिनके मुंह मसि लागहैं, मिटिहि न मरिहै धोइ।।

अर्थ: जो दूसरों की बुराई करके खुद का सम्मान चाहते हैं ऐसे लोग अपनी प्रतिष्ठा खो देते हैं. इनके मुंह पर ऐसी कालिख पुत जाती है जो कभी मिटती नहीं है.

2. काम क्रोध मद लोभ की जौ लौं मन में खान ।

तौ लौं पण्डित मूरखौं तुलसी एक समान ।।

अर्थ: तुलसीदास जी कहते हैं कि गुस्सा, क्रोध, लोभ और मोह व्यक्ति के अंदर उत्पन्न होने वाले नकारात्मक भाव हैं जिसके कारण एक बुद्धिमान व्यक्ति और मूर्ख व्यक्ति में कोई अंतर नहीं रह जाता है.

यह भी पढ़ें: कब है तुलसीदास जयंती? जानें गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन से जुड़े किस्से

3. तुलसी साथी विपत्ति के, विद्या विनय विवेक ।

साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसे एक ।।

अर्थ: किसी विपत्ति में आपको ज्ञान, विनम्रता, बुद्धि, आपके अंदर का साहस, अच्छे कर्म, सच बोलने की आदत और ईश्वर में विश्वास जैसे ये 7 गुण ही बचाते हैं.

4. तुलसी मीठे बचन ते सुख उपजत चहुं ओर।

बसीकरन इक मंत्र है परिहरू बचन कठोर।।

अर्थ: तुलसीदास जी कहते हैं कि मीठी बोली खुद के साथ अपने चारों ओर सुख को प्रकाशित कर देती है.

यह भी पढ़ें: कौन थे गोस्वामी तुलसीदास?

5. आवत ही हरषै नहीं नैनन नहीं सनेह।

तुलसी तहां न जाइये कंचन बरसे मेह।।

अर्थ: किसी जगह पर अगर कोई आपसे खुश नहीं है तो वहां लोगों की नजरों में आपके लिए स्नेह या प्रेम नहीं होता है और ऐसी जगहों पर आपको बिल्कुल भी नहीं रुकना चाहिए.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.