सावन (Sawan) महीने की पुत्रदा एकदाशी पर भगवान श्रीहरि की पूजा का विधान है. हिन्दू धर्म में पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पुत्रदा एकादशी 8 अगस्त के दिन पड़ रही है. हिन्दू (Hindu) पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने में एकादशी दो बार आती है. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोगों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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पुत्रदा एकादशी के दिन क्‍या करें (Paush Putrada Ekadashi Vrat Rules)

1. संभव हो तो गंगा स्‍नान करें. और यदि ऐसा ना हो पाए तो स्‍नान के पानी में थोडा सा गंगा जल मिला लें.

2. स्‍नान के बाद भगवान विष्‍णु के सामने दीप जलाएं और व्रत का संकल्‍प लें.

3. गरीब और जरूरतमंदों को दान करें.

4. विवाह में रुकावटें हैं तो हल्‍दी, केसर और केला का दान करें.

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पुत्रदा एकादशी के दिन क्‍या ना करें (Paush Putrada Ekadashi Vrat Rules what not to do)

1. पौष पुत्रदा एकादशी के दिन चावल का सेवन ना करें.

2. व्‍यवहार में सात्‍व‍िकता हो. खुद पर से संयम ना खोएं.

3. दूसरों की चुगली ना करें.

4. मांसाहार और मदिरा का सेवन ना करें.

5. ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें.

6. लड़ाई-झगड़े से दूर रहें.

7. शाम के समय ना सोएं.

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सावन पुत्रदा एकादशी 2022 मुहूर्त (Sawan Putrada Ekadashi 2022 Muhurat)

सावन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि आरंभ – 7 अगस्त 2022, रात 11.50 मिनट से

सावन शुक्ल पक्ष मास पुत्रदा एकादशी तिथि समाप्त – 8 अगस्त 2022, रात 9:00 बजे तक

पुत्रदा एकादशी व्रत पारण समय: 9 अगस्त 2022, सुबह 06.01 से 8:26 तक

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.