Sharadiya Navratri 2023: वैसे तो एक साल में चार नवरात्रि आते हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्र होते हैं, इसलिए हर कोई दो नवरात्रि मनाता है. अभी अभी वासंतिक नवरात्र पूरा हुआ हैं, जो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू हो रहे हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2023) 15 अक्टूबर, रविवार से शुरू होगी. कई लोग नवरात्रि के पूरे नौ दिन व्रत रखकर मां को प्रसन्न करना चाहते हैं. शारदीय नवरात्रि इनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, वे इस तिथि को अभी से नोट कर लें, कुछ दिन पहले ही अपने मोबाइल और कंप्यूटर पर रिमाइंडर लगा लें, ताकि समय से पहले ही आपको याद हो जाए.

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अगर जो लोग नवरात्रि में व्रत रखना चाहते हैं. वह शारदीय नवरात्रि से शुरू कर सकते हैं और फिर इसे लगातार जारी रख सकते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. माता दुर्गा ने अलग-अलग कार्यों को पूरा करने के लिए अलग-अलग रूप धारण किए. नवरात्रि के नौ दिनों में मां के स्वरूपों की पूजा की जाती है और स्वयं, परिवार, समाज और देश के सुख, समृद्धि, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की जाती है.

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व्रत के सही नियम

महर्षियों ने मनुष्यों के हित के लिए अनेक उपाय बताए हैं, उन्हीं में से एक है व्रत या उपवास. मानव जीवन को सफल बनाने में व्रत की बड़ी महिमा मानी गई है. धर्म शास्त्रों के अनुसार जीवन को सफल बनाने में व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है. व्रत और व्रत के नियमों का पालन कर शरीर को गर्म करना तप है. उपवास के दौरान भोजन किया जा सकता है, लेकिन उपवास करना होता है. व्रत करने वाले को क्रोध, लोभ, मोह, आलस्य, चोरी, ईर्ष्या आदि में लिप्त नहीं होना चाहिए. क्षमा, दया, दान, शौच, इंद्रिय संयम, भगवान की पूजा, हवन और संतुष्टि के लिए उपवास आवश्यक है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)