10 things about Sharad Purnima: हिंदू धर्म में अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 9 अक्टूबर के दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा को लेकर काफी महत्व बताया गया है और विशेषज्ञों के अनुसार साल में सिर्फ शरद पूर्णिमा के ही दिन  चंद्रमा सोलह कलाओं से भरी होती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है और इस दिन चंद्रमा की पूजा होती है. ऐसा भी माना जाता है कि इस रात लक्ष्मी मां और विष्णु भगवान भ्रमण करते हैं. ऐसी ही 8 बातें इस दिन से जुड़ी बातें बताएंगे.

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शरद पूर्णिमा से जुड़ी मुख्य 8 बातें

1. अश्विन माह की पूर्मिणा को कोजागारी पूर्णिमा भी कहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करते हुए सभी घरों में जाती हैं. इस पूर्णिमा पर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए.

2. शरद पूर्णिमा पर खुले आसमान के नीचे चांद की रोशनी में खीर बनाकर रखने का रिवाज है. ऐसी भी मान्यता है कि इस रात चांद की रोशनी औषधीय गुणों से भरपूर हो जाती है.

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3. शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में खीर रखने का हिंदू धर्म में रिवाज है. खीर में दूध, चीनी और चावल के कारण चंद्रमा हैं इसलिए इसपर चंद्रमा का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है.

4. शरद पूर्णिमा को कुमार पूर्णिमा भी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण सभी गोपियों के साथ रासलीला करते हैं. इस दिन का महत्व शरद पूर्णिमा पर बढ़ जाता है.

5. इस दिन को लेकर पौराणिक कथा है कि मां लक्ष्मी का जन्म शरद पूर्णिमा को हुआ था. देश के कई हिस्सों में शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है.

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6. नारद पुराण में बताया गया है कि शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. वे देखती हैं कि कौन-कौन जाह रहा है.

7. शरद पूर्णिमा पर चांद अपनी 16 कलाओं के साथ आसमान में विराजते हैं. इस दिन चांद सभी पूर्णिमाओं की तुलना में सबसे चमकीला दिखता है.

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8. शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में मेडिटेशन करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है. या फिर खुली आंखों से चांद को देखना अच्छा होता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.