Padmini Ekadashi 2023: मलमास या अधिक मास में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी पद्मिनी एकादशी के नाम से जानी जाती है. यह पद्मिनी एकादशी हर 3 साल में एक बार आती है क्योंकि हर तीन साल में मलमास मनाया जाता है. जब मलमास प्रारंभ होता है तो उस वर्ष 24 की जगह 26 एकादशियां व्रत आती हैं. मलमास के शुक्ल पक्ष की एकदशी को पद्मिनी एकदशी और कृष्ण पक्ष की एकदशी को परमा एकदशी कहा जाता है. यदि किसी व्यक्ति की कोई विशेष इच्छा पूरी नहीं हो रही हो तो उसे पद्मिनी एकादशी का व्रत करना चाहिए. पद्मिनी एकादशी व्रत के तीन मुख्य लाभ हैं. आइए जानते हैं पद्मिनी एकादशी के फायदों के बारे में.

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पद्मिनी एकादशी व्रत के लाभ (Padmini Ekadashi 2023)

1. पद्मिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है. उनके कार्यों की तारीफ की जाती है. वह अपने कुल का मान बढ़ाता है.

2. जो व्यक्ति पद्मिनी एकादशी का व्रत करता है, भगवान विष्णु की कृपा से उसके पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उसे वैकुंठ में स्थान मिलता है.

3. जो लोग संतानहीन हैं, उन्हें पद्मिनी एकादशी का व्रत करना चाहिए. इसके पुण्य प्रभाव से पुत्र की प्राप्ति होती है.

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पद्मिनी एकादशी व्रत कब है?

इस साल पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई, शनिवार को पड़ रहा है. इस वर्ष सावन अधिकमास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 28 जुलाई शुक्रवार को दोपहर 02:51 बजे से 29 जुलाई शनिवार को दोपहर 01:05 बजे तक है.

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पद्मिनी एकादशी व्रत का समय

पद्मिनी एकादशी व्रत का पारण समय 30 जुलाई, रविवार को प्रातः 05:41 बजे से प्रातः 08:24 बजे तक है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)