Kali Chaudas 2022: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को काली चौदस के नाम से जाना जाता है. इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. दिवाली के पंच दिवस पर्व का इसे दूसरा दिन मानते हैं. काली चौदस का पर्व भगवान विष्णु के नरकासुर पर विजय हासिल की और इसी उपलक्ष्य पर इसे मनाया जाता है. इस पर्व का देवी काली के पूजा से गहरा संबंध होता है.

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तंत्र विद्या को प्राप्त करने वालों के लिए ये रात बहुत खास होती है और वे रातभर सिद्धि प्राप्त करने की पूजा करते हैं. इस दिन का सीधा संबंध मां काली से है और वे सर्वशक्तिशाली हैं. इस दिन को कैसे मनाते हैं और इसमें क्या उपाय करने चाहिए, चलिए बताते हैं.

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 काली चौदस पर बस कर दें ये छोटा सा उपाय

काली चौदस के दिन कालिका की विशेष पूजा करने से लंबे समय से चल रही बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. काले जादू के बुरे प्रभाव, बुरी आत्माओं से सुरक्षा पाना है तो इस दिन आपको काली मां की पूजा जरूर करनी चाहिए.

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इससे कर्ज से भी मुक्ति मिलती है. अपनी पूजा को सरसों के तेल में काली मां की आरती करें. उनका स्त्रोत करें और उनकी चालिसा पढ़कर मां काली के नाम का तब तक जाप करें जब तक वे कर सकते हैं. काली चौदस की पूजा करने से शनि का प्रकोप भी खत्म होता है.

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काली चौदस यानी 23 अक्टूबर की रात 11 काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का और 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियों को बांधकर 108 बार ओम श्री लक्ष्मी-नारायण नम: का जाप करना चाहिए. इससे आपको कई तरह की परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.