Holi 2023 Calendar: देश में हर साल होली के महोत्सव का आयोजन किया जाता है. होली के पर्व का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस बार होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा. इसके अगले दिन 8 मार्च को रंगवाली होली खेली जाएगी. देश में होली कई तरह से मनाई जाती है. गुलाल और रंग के अलावा फूलों और लठ्‌ठ से होली खेली जाती है. प्रत्येक वर्ष फुलेरा दूज से होली की शुरुआत हो जाती है और रंग पंचमी पर इसका समापन होता है. चलिए जानते हैं इस साल लठमार होली, होलिका दहन और होली किस तारीख को है.

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होली 2023 कैलेंडर (Holi 2023 Calendar)

होलाष्टक- 27 फरवरी 2023 से 7 मार्च 2023 तक
लड्‌डू की होली (Laddu Holi) – 27 फरवरी 2023
लठमार होली (बरसाना) (Lathmar holi)- 28 फरवरी 2023
लठमार होली (नंदगांव) – 1 मार्च 2023
रंगभरी एकादशी (वाराणसी) (Rangbhari ekadashi)- 3 मार्च 2023

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भस्म होली (वाराणसी) (Bhasm Holi)- 4 मार्च 2023
छड़ीमार होली (गोकुल) (Chadimar holi)- 4 मार्च 2023
होलिका दहन (Holika dahan)- 7 मार्च 2023
रंगवाली होली – 8 मार्च 2023
रंग पंचमी (Rang Panchami)- 12 मार्च 2023

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लठमार होली का महत्व

पंचांग के मुताबिक, हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बरसाना में लठमार होली खेली जाती है. इस साल यह पर्व 28 फरवरी, मंगलवार 2023 (Lathmar Holi 2023 Date) को मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस दिन द्वापरयुग में श्रीकृष्ण ने राधारानी और गोपियों के साथ लठमार होली खेलने की शुरुआत की थी. तब से लेकर आज तक परंपरा चली आ रही है. इस दिन महिलाएं पुरुषों पर लाठी और डंडे बरसाती हैं. ऐसा कहा जाता है कि इससे उनका आत्मबल मजबूत होता है.

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होली का महत्व

भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को आग में जलाकर मारने के लिए उसके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को तैयार किया. होलिका के पास एक चादर थी, जिसको ओढ़ने से उसके शरीर पर आग का कोई असर नहीं होता था. होलिका फाल्गुन माह की पूर्णिमा को प्रह्लाद को आग में लेकर बैठ गई. इस दौरान प्रह्लाद भगवान विष्णु की पूजा करते रहे. इस बार भी प्रहलाद को आग की लपटें छू भी नहीं पाई. लेकिन इसके विपरीत होलिका आग की भेंट चढ़ गई. तब से ही होलिका दहन मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई और यह परंपरा आज भी जारी है. यही वजह है कि प्रत्येक साल होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)