हिंदू धर्म में हरियाली तीज (Hartalika Teej 2023) का विशेष महत्व माना गया है. इस बार हरियाली तीज का व्रत 19 अगस्त 2023 को रखा जाने वाला है. आपको बता दें कि सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी आयु की कामना के लिए यह व्रत धारण करती हैं. इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव शंकर की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं. इस व्रत की पूरी प्रकिया और नियमों के बारे में पता होना बहुत जरूरी है, अन्यथा आपका व्रत अधूरा रह सकता है. तो चलिए जानते हैं कि इस व्रत में क्या होता है.

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हरियाली तीज में क्या होता है?

हरियाली तीज (Hartalika Teej 2023) के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रंगार करके निर्जला व्रत धारण करती हैं. इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना करती हैं. पूजा के अंत में तीज की कथा सुनी जाती है. कथा के समापन पर महिलाएं मां गौरी से पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है और भजन व लोक नृत्य किए जाते हैं. इस दिन हरे वस्त्र हरी चुनरी, हर लहरिया, हरा श्रंगार, मेहंदी, झूला झूलने का भी रिवाज है. जगह जगह झूले पड़ते हैं. इस त्योहार में स्त्रियां हरी लहरिया न हो तो लाल, गुलाबी चुनरी में भी सजती हैं, गीत गाती हैं, मेहंदी लगाती हैं, श्रंगार करती हैं, नाचती हैं. हरियाली तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है.

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हरियाली तीज का महत्व

हिंदू धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व माना गया है. आपको बता दें कि हरियाली तीज आमतौर पर नाग पंचमी के दो दिन पूर्व यानी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है. यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, यह वह दिन है जब देवी ने शिव की तपस्या में 107 जन्म बिताने के बाद पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इस व्रत को धारण करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)