Ekadashi vrat kathaभाद्रपद के महीने की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अजा एकादशी (Aja Ekadashi) या जया एकादशी कहा जाता है. धार्मिक दृष्टि से अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2022 vrat) व्रत का बहुत महत्त्व बताया गया है. इस साल 23 अगस्त को अजा एकादशी व्रत रखा जाएगा. ऐसा माना जाता है कि अजा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति  के पापों का नाश हो जाता है. अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इस दिन एकादशी व्रत कथा (Ekadashi Vrat Katha) सुनने से व्रत का विशेष लाभ मिलता है. 

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अजा एकादशी व्रत कथा (Aja Ekadashi 2022 Vrat Katha)

अजा एकादशी की व्रत कथा सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र से जुड़ी है. कथा इस प्रकार है,  “राजा अपने राज्य को प्रसन्न रखते थे. राज्य में चारों-ओर खुशहाली रहती थी. समय बीतने पर राजा का विवाह हुआ और कुछ समय बाद राजा को एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. राजा अत्यंत वीर और प्रतापी थे लेकिन एक दिन राजा को अपना वचन निभाने के लिए अपने पुत्र और पत्नी तक को बेचना पड़ा. राजा खुद भी एक चंडाल के सेवक के रूप में काम करने लगे. 

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एक दिन राजा चिंतित होकर बैठे थे, तभी गौतम ऋषि वहां आए. राजा ने गौतम ऋषि को अपने दुखों के बारे में बताया और इससे उद्धार का मार्ग पूछा. तब ऋषि ने राजा से कहा कि तुम भाग्यशाली हो क्योंकि आज से 7 दिन बाद भाद्रपद कृष्ण एकादशी यानी अजा एकादशी आने वाली है. तुम इस व्रत को विधिपूर्वक करो. तुम्हारा उद्धार होगा. इतना कहने के बाद गौतम ऋषि वहां से चले गए.

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तब राजा हरिश्चंद्र ने ऋषि के कहे अनुसार अजा एकादशी व्रत विधि विधान से रखा और फिर इस व्रत के प्रभाव से राजा के पिछले जन्म के सभी पाप कट जाते हैं और उन्हें खोया हुआ परिवार और राजपाट फिर से मिल जाता है.

इसलिए सभी उपवासों में अजा एकादशी व्रत को सर्वश्रेष्ठ बताया जाता है. मान्यता है  कि अजा एकादशी व्रत रखने वालों को पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)