Aja Ekadashi 2022: एकादशी (Ekadashi) का व्रत (Fasting) सभी व्रतों में
श्रेष्ठ माना गया है. एकादशी व्रत भी सबसे कठिन व्रतों में से एक है. यही कारण है
कि जो लोग एकादशी का व्रत करते हैं,
उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान
विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है. अजा एकादशी का व्रत 22 अगस्त को है.

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विष्णु लोक में मिलता है स्थान

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो लोग
अजा एकादशी का व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक पूजा करते हैं और पूजा के दौरान अजा
एकादशी व्रत कथा पढ़ते या सुनते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद विष्णु लोक में स्थान
मिलता है.

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जानिए अजा एकदशी व्रत कथा

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, राजा
हरिश्चंद्र बहुत सच्चे थे. उनके जीवन में एक समय ऐसा आया कि उनका सारा साम्राज्य
बर्बाद हो गया. राजा की पत्नी और पुत्र सभी अलग हो गए थे. पूरा परिवार चला गया.
स्थिति यह आई कि उन्हें स्वयं चांडाल के दास के रूप में रहना पड़ा. एक दिन की बात
है कि जब गौतम ऋषि वहां आए तो राजा उदास बैठे थे. राजा ने अपनी सारी व्यथा गौतम
ऋषि को सुनाई और उपाय पूछा.

तब ऋषि ने उन्हें भाद्रपद के कृष्ण
पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत रखने को कहा. राजा हरिश्चंद्र ने आजा एकादशी का व्रत
रखा और भगवान विष्णु की पूजा की और रात भर जागकर भगवान का ध्यान करते रहे. इसके
बाद उसके सारे पाप नष्ट हो गए. राजा को फिर से परिवार और राज्य मिला. मृत्यु के
बाद राजा को बैकुंठ मिला.

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आज का पंचांग

भाद्रपद – कृष्ण पक्ष – एकादशी –
सोमवार

नक्षत्र – मृगशीर्षा नक्षत्र

महत्वपूर्ण योग- वज्र योग

चंद्रमा का मिथुन राशि पर संचरण

आज का शुभ मुहूर्त – 11.54 बजे से 12.43 बजे तक

राहु काल – 07.37 बजे से 09.11 बजे तक

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.