ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Health Index) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख (Hunger) को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक सूचकांक है. ये सूचकांक भूख के कई आयामों को दर्शाता है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स का उद्देश्य भूख के खिलाफ संघर्ष के बारे में जागरूकता और समझ बढ़ाना है. साथ ही देशों और क्षेत्रों के बीच भूख के स्तर की तुलना करने का एक तरीका है. ये बताता है कि किसी देश या क्षेत्र के लोगों को खाने की चीजें कैसी और कितनी मिलती हैं. ये दुनिया का उन क्षेत्रों पर ध्यान आकर्षित करता है जहां भूख का स्तर उच्चतम है और जहां अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है. 

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कैसे मापा जाता है ग्लोबल हंगर इंडेक्स (How Global Health Index is calculated)

प्रत्येक देश के Global Health Index स्कोर की गणना एक फार्मूले के आधार पर की जाती है. ये स्कोर चार संकेतकों के मूल्यों पर मापा जाता है जिनमें कुपोषण (Undernourishment), शिशुओं में भयंकर कुपोषण (Child stunting), बच्चों के विकास में रुकावट (Child wasting) और बाल मृत्यु दर (Child mortality) है.

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ग्लोबल हैंगर इंडेक्स का कुल स्कोर 100 पॉइंट होता है. इसी के आधार पर किसी देश की भूख की गंभीरता की स्थिति दिखती है. किसी देश का स्कोर जीरो है तो उसकी सबसे अच्छी स्थिति है और अगर किसी का स्कोर 100 है तो उसकी स्थिति सबसे खराब है. 

ग्लोबल हंगर इंडेक्स कौन जारी करता है? (Who releases the Global Hunger Index?)

ग्लोबल हंगर इंडेक्स मापने की शुरुआत इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने की और वेल्ट हंगरलाइफ नामक एक जर्मन स्वयंसेवी संस्थान ने इसे सबसे पहले वर्ष 2006 में जारी किया था. वर्ष 2007 से इस अभियान में आयरलैंड का भी एक स्वयमसेवी संगठन शामिल हो गया.

इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट 2018 में प्रोजेक्ट से अलग हट गया और GHI जर्मन स्वयंसेवी संस्थान Welthungerhilfe और कंसर्न वर्ल्डवाइड का जॉइंट प्रोजेक्ट बन गया है. 

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंक (Global Hunger Index 2022 India rank)

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत 121 देशों में से 107 वें स्थान पर है. भारत का चाइल्ड वेस्टिंग रेट (ऊंचाई के हिसाब से कम वजन) 19.3 प्रतिशत है जो दुनिया में सबसे अधिक है. 2014 में चाइल्ड वेस्टिंग रेट 15.1 प्रतिशत था और 2000 में 17.15 प्रतिशत. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका से भी पीछे है.