अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम हुए धमाके में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 140 लोग घायल हुए हैं. इस हमले को दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने अंजाम दिया. इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत ने हमले की जिम्मेदारी ली है. 

पेंटागन ने कहा है कि अफगानिस्तान में पिछले एक साल से अधिक के समय में हुए सबसे भीषण आतंकवादी हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 18 अन्य घायल हैं. पेंटागन ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले के लिए ISIS को जिम्मेदार ठहराया है. 

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एयरपोर्ट के एबी गेट पर पहला धमाका हुआ, जबकि दूसरा एयरपोर्ट के पास बने बैरन होटल के नजदीक हुआ. इसी होटल में ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे. हालांकि ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस हमले में अब तक ब्रितानी सेना और सरकारी कर्मचारियों के घायल होने की सूचना नहीं मिली है.

अमेरिका के मध्य कमान के कमांडर जनरल केनेथ फ्रैंकलिन मैकेंजी ने गुरुवार को एक पेंटागन संवाददाता सम्मेलन में कहा, आतंकवादी हमले को आईएसआईएस के बंदूकधारी ने अंजाम दिया. आतंकवादियों ने हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर खड़े अमेरिकी सैनिकों पर गोलियां चलाईं. 

मैकेंजी ने कहा, “एबी गेट पर हमले के बाद आईएसआईएस के कई बंदूकधारियों ने नागरिकों और सैन्य बलों पर गोलियां चलाईं.” 

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काबुल में अफगान अधिकारियों ने कहा है कि दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने काबुल के हवाईअड्डे पर आ रही भीड़ पर हमला किया, जिसमें कम से कम 60 अफगान मारे गए और 143 अन्य घायल हो गए.

एयरपोर्ट पर हुए धमाके से कुछ समय पहले ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने इस तरह के हमले की वॉर्निंग जारी की थ और एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा था. हालांकि, काबुल छोड़ने की कोशिशों में लगे अफगान लोगों ने इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया और वे एयरपोर्ट गेट पर डटे रहे.

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