इंडियन प्रीमियर लीग 2022 के 59वें मुकाबले की शुरुआत अजीबोगरीब रही. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में पावर कट होने की वजह से पहले 2 ओवरों में डीआरएस (DRS) की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. इस वजह से मैच को प्रभावित करने में सिर्फ 2 गेंद लगी. डेनियल सैम्स की गेंद पर एलबीडब्ल्यू करार दिए जाने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के सलामी बल्लेबाज डेवोन काॅनवे रिव्यू की सुविधा का फायदा भी नहीं उठा सके और उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा. इसे लेकर संजय मांजरेकर और पीयूष चावला ने अपनी बात रखी. दोनों ने खराब अंपायरिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए.

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ईएसपीएनक्रिकइंफो के एक्सपर्ट संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) और पीयूष चावला (Piyush Chawla) ने डेवोन काॅनवे को आउट देने के फैसले को आईपीएल में खराब अंपायरिंग का ताजा उदाहरण बताया. चावला ने कहा कि वह पहली नजर में आउट नहीं लगा क्योंकि गेंद जब पैड पर लगी, तब उसे और आगे जाना था और ऐसा लगा कि वह लेग स्टंप को छोड़कर निकल जाती. हमने इस सीजन में अंपायरिंग के कुछ खराब फैसले देखे हैं और ये उसी का एक नमूना था.

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वही, संजय मांजरेकर ने कहा कि इंटरनेशनल क्रिकेट में बात होती है कि सफेद गेंद केवल पहले दो-तीन ओवरों में स्विंग होती है. मैंने सातवें-आठवें ओवर में रिले मेरेडिथ को सटीक आउटस्विंग गेंद डालते देखा है. जसप्रीत बुमराह को नई गेंद के साथ 2 ओवर डालते और स्विंग से बल्लेबाजों को परेशान करते हुए देख मुझे बहुत मजा आया. गेंद हरकत कर रही थी, बढ़िया गेंदबाजी हो रही थी और इसमें तकनीकी खराबी ने मुंबई इंडियंस की सहायता की. दो ऐसे फैसले थे जिस पर रिव्यू का उपयोग किया जा सकता था.

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इसके अलावा दोनों को लगता है कि भारतीय अंपायरों की अंपायरिंग इस सीजन में काफी चिंताजनक रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते दुनिया के अच्छे अंपायरों को नहीं बुला सकते. इस वजह से स्थानीय अंपायरों से काम चलाना पड़ रहा है. डीआरएस 10 मिनट के लिए नहीं था और उतने में ही काम बिगड़ गया. ऐसे फैसले देखकर मुझे बहुत दुख होता है. इससे पहले भी मैंने देखा था जब गेंद लेग स्टंप से 4 से 6 इंच बाहर गिरी थी और उसे एलबीडब्ल्यू आउट दिया गया था. ये काफी निराशाजनक है.

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