World Tsunami Day Importance: लोगों को प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस (World Tsunami Awareness Day) मनाया जाता है. प्राकृतिक आपदा से हर साल जान-माल का बहुत नुकसान होता है. इसलिए इस दिन को मनाने का उद्देश्य भविष्य में आने वाली आपदाओं से लोगों को जागरूक करना है ताकी लोग इसके प्रति जागरूक रहें और ज्यादा से ज्यादा जान बचाई जा सके. सुनामी दिवस के दिन सभी को सुनामी से होने वाले खतरे एवं इसके बचाव के उपाय के बारे में बताया जाता है. उन्हें बताया जाता है कि ऐसी स्थिति में कैसे निपटा जाए इसके विषय में जानकारी दी जाती है.आइए जानते हैं विश्व जागरूकता सुनामी दिवस के बारे में सबकुछ.

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विश्व जागरूकता सुनामी दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक दिसंबर 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी की आपदा ने पिछले 100 वर्षों में हुए किसी भी अन्य प्राकृतिक खतरों से सबसे ज्यादा विनाशकारी थी. इस आपदा में  260,000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई थी. इस आपदा के चलते संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में विश्व जागरूकता सुनामी दिवस को मनाने की घोषणा की थी. तब से हर साल 5 नवंबर को विश्व जागरूकता सुनामी दिवस मनाया जाने लगा.

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विश्व जागरूकता सुनामी दिवस का महत्व

संयुक्त राष्ट्र देशों, अंतरराष्ट्रीय निकायों में जागरूकता बढ़ाने और जोखिमों को कम करने के लिए नवीन दृष्टिकोण को साझा करते हुए यह दिन मनाने के लिए आवाहन करता है. साल 2030 के अंत तक तटीय क्षेत्रों में रहने वाले विश्व जनसंख्या का लगभग 50 परसेंट तूफान सुनामी और बाढ़ के संपर्क में आने वाला है.

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क्या है सुनामी?

सुनामी बंदरगाह में आने वाली लहरों को कहा जाता है जो तटीय क्षेत्र एवं बंदरगाहों में अधिकतम नुकसान का कारण बनती हैं. इन लहरों की चौड़ाई सैंकड़ो किलो मीटर  वाले लहर होती है. और इनकी स्पीड 420 किलोमीटर प्रति घंटा और ऊंचाई 10 से 20 मीटर तक हो सकती है, अक्सर समुद्री भूकंप के कारण यह तूफान पैदा होती है.