National Unity Day 2022: स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री रहे सरदार वल्लभभाई पटेल ( Sardar Vallabhbhai Patel) की 147वीं जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी. देश को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसीलिए लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (Rashtriya Ekta Diwas) को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जाती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरदार पटेल आजादी के बाद देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी थे. इस आर्टिकल में हम आपको सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti) की 10 खास बातों के बारे में बताएंगे.

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1.सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म गुजरात के नडियाद में 31 अक्टूबर 1875 में हुआ था. उन्होंने लंदन में जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे. महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर वल्लभ भाई पटेल ने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल हुए.

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2.सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान वर्ष 1918 में खेड़ा संघर्ष में था. उन्होंने बारदोली में 1928 में सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्त्व भी किया.

3.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे.

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4.भारत की आज़ादी के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड देश के निर्माण में सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण किया.

5.सरदार पटेल को महात्मा गांधी ने लौह पुरुष की उपाधि दी थी.

6.गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का निर्माण किया गया है, जिसकी लम्बाई 182 मीटर (597 फीट) है.

7. सरदार पटेल ने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर अधिक जोर दिया.उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टील फ्रेम कहा था.

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8.बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की थी.

9. सरदार वल्लभ भाई पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे. यही कारण है कि उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

10.सरदार पटेल जी का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था