हिंदू धर्म में वट सावित्रि का व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है.इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए व्रत रखती हैं और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करती हैं. मान्यता है कि वट सावित्रि का व्रत करने से पति की लंबी आयु होती है और जीवन में सुख-शांति आती है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. तो चलिए जानते हैं कब है वट सावित्रि का व्रत.

कब है वट सावित्रि का व्रत?

इस साल वट सावित्री का व्रत 30 मई, 2022 को मनाया जाएगा. इस दिन वट सावित्री का व्रत सोमवार के दिन पड़ रहा. साथ ही, इस दिन सोमवती अमावस्या भी पड़ रही है. ये इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या है. अगर इस दिन आप शुभ मुहूर्त में पूजा करते हैं, तो अच्छा फल मिलता है.

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वट सावित्रि व्रत तिथि

वट सावित्री का व्रत इस साल 30 मई सोमवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन अखंड सौभाग्य, संतान प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं. अमावस्या तिथि 29 मई, 2022 दोपहर 02:54 बजे से शुरू होकर 30 मई, 2022 को शाम 04:59 बजे तक होगी.

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जानें क्या है वट सावित्रि का महत्व

इस दिन विधि-विधान के साथ बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. मान्यता है कि बरगद के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करती हैं और उस पर कच्चा सूत का धागा लपेटती हैं. ऐसा करने से भगवान विष्णु जी की कृपा होती है और मान्यता है कि पति की उम्र भी लंबी होती है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

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