हर साल, 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि (Swami Vivekananda Death Anniversary) के तौर पर मनाया जाता है. उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक नेताओं और विद्वानों में से एक माना जाता है. विवेकानंद ने योग और वेदांत के दर्शन को पश्चिम देशों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में अपने भाषण के लिए जाना जाता है. उन्होंने इस धर्म संसद में अपने भाषण की शुरुआत ‘अमेरिका के मेरे भाइयों और बहनों’ के साथ थी. स्वामी विवेकानंद का निधन मात्र 39 वर्ष की उम्र में 4 जुलाई, 1902 को हुआ.

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1. एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.

2. सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना. स्वयं पर विश्वास करो.

3. किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या न आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.

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4. जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे. यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो तुम ताकतवर हो जाओगे.

5. तुम फुटबॉल के जरिए स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाए गीता का अध्ययन करने के.

6. वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है.

7. हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं.

8. विचार रहते हैं. वे दूर तक यात्रा करते हैं. एक विचार लो. उस विचार को अपना जीवन बना लो, उसे बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो.

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