भारतीय वायु सेना के लिए ऐतिहासिक क्षणों के बीच बुधवार को राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे ने भारत की जमीन पर कदम रखा. फ्रांस से खरीदे गए ये राफेल लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस पर उतरे. ये विमान उसी समझौते का हिस्सा हैं, जिसके तहत भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था.

मेरिग्नैक एयरबेस से सात घंटे से अधिक उड़ान भरने के बाद यूएई में सोमवार को अल धाफरा एयरबेस पर विमानों का जत्था उतरा था. यह फ्रांस से भारत के लिए उड़ान के दौरान एकमात्र पड़ाव था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने कहा कि भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद राफेल विमानों को दो सुखोई 30 एमकेआई ने अपने घेरे में ले लिया. 30,000 फुट की ऊंचाई पर एक फ्रांसीसी टैंकर से हवा में इन लड़ाकू विमानों में ईंधन भरा गया था.

राफेल फ्रांस की डेसाल्ट एविएशन द्वारा निर्मित है. ये दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जोकि कई तरह के हथियारों से लैस है. राफेल युद्ध के समय अहम भूमिका अदा कर सकता है. इसमें हवाई हमला, भारी हमला, परमाणु प्रतिरोध समेत कई खूबियां हैं. राफेल जेट की ख़ास खूबियों पर एक नजर-

– राफेल लड़ाकू विमान में भारत की जरूरत के हिसाब से बदलाव किए गए हैं. इसमें इजरायल के हेलमेट माउंट डिस्प्ले, लो बैंड जैमर, इंफ्रा रेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम, रडार वार्निंग रिसीवर और दस घंटे की फ्लाइट डाटा रिकार्डिंग समेत कई अन्य सुविधाएं भी हैं.

-राफेल दुश्मन के रडार को जाम कर सकता है और समुद्र, जमीन और हवा सहित कहीं भी लक्ष्य का पता लगा सकता है.

– राफेल की अधिकतम स्पीड 2,222.6 किमी/घंटा है. साथ ही राफेल अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है और एक बार ईंधन भरने के बाद 3700 किमी तक का सफर तय करने में सक्षम है.

– राफेल जेट की हथियार प्रणाली का मुख्य आधार- मीटियोर, स्कैल्प और MICA जैसी खतरनाक मिसाइलें हैं.

– मीटियोर मिसाइल यूरोपीय मिसाइल निर्माता MBDA द्वारा निर्मित है. जिसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर है. यह बिना सीमा पार किए दुश्मन देश के विमान को तबाह कर सकता है. मीटियोर एयर टू एयर मिसाइल अम्बाला पहुंच चुका है.

-समाचार एजेंसी पीटीआई के एक विशेषज्ञ ने बताया कि मीटियोर एक अद्वितीय रॉकेट-रैमजेट मोटर द्वारा संचालित होता है, जो इसे किसी भी अन्य मिसाइल की तुलना में कहीं अधिक इंजन पावर देता है.

– स्कैल्प लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है. इसे पिनपॉइंट टर्मिनल सटीकता के लिए जाना जाता है, जोकि इसे सटीक साधक और लक्ष्य पहचान प्रणाली की मदद से मिलता है. स्कैल्प मिसाइल 600 किमी दूर से अचूक निशाना लगाने में सक्षम है. ये जमीन पर अटैक करने के लिए लगी है.

– इसके साथ ही राफेल हवा से हवा में मार करने वाली MICA हथियार प्रणाली से भी लैस होगा. ये सेल्फ डिफेंस मिसाइल है. ये भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 विमानों में भी लगी है.