17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रहा है और देवी मां के आगमन की तैयारी में भक्त जोरों से जुट चुके हैं. नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी मां के अलग-अलग स्वरुपों की उपासना होती है. 17 अक्टूबर को कलश स्थापना की जाएगी, इसके साथ ही नौ दिनों तक देवी मां पूजा-पाठ, आरती, मंत्रोचार और व्रत रखकर माता को प्रसन्न किया जा सकता है.

किस दिन होगी कौन सी देवी की पूजा?

17 अक्टूबर: मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना

18 अक्टूबर: मां ब्रह्मचारिणी पूजा

19 अक्टूबर: मां चंद्रघंटा पूजा

20 अक्टूबर: मां कुष्मांडा पूजा

21 अक्टूबर: मां स्कंदमाता पूजा

22 अक्टूबर: षष्ठी मां कात्यायनी पूजा

23 अक्टूबर: मां कालरात्रि पूजा

24 अक्टूबर: मां महागौरी दुर्गा पूजा

25 अक्टूबर: मां सिद्धिदात्री पूजा

नवरात्रि की पूजा के लिए सामग्री

1. नवरात्रि की पूजा में कलश का अलग ही महत्व होता है. बिना कलश स्थापना के कोई भी धार्मिक अनुष्ठान पूरा नहीं माना जाता है. नवरात्रि की पूजा में कलश स्थापना करके ही पूजा को आगे बढ़ाया जाता है.

2. नवरात्रि पर ज्वारे उगाए जाते हैं, घट की स्थापना के ही दिन माता की चौकी के सामने ज्वार बोए जाते हैं. ऐसी मान्यताकि नवरात्रि पर जौ बोना बहुत शुभ होता है.

3. नवरात्रि पर माता के घर आने की खुशी में उनके स्वागत में प्रवेश द्वार पर आम या अशोक के पत्तों का बंदनवार सजाना शुभ होता है.

4. नौ दिनों तक शुद्ध देसी घी के दीपक का खास महत्व होता है. इस दीपक को आप अखंड ज्योति के तौर पर भी जला सकते हैं. घर में दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है.

5. ऐसी मान्यता है कि दुर्गा मां को गुड़हल का फूल बहुत प्रिय होता है. इसलिए माता के किसी भी पूजन में गुड़हल का फूल जरूर शामिल करें.

6. पवित्र और शुद्ध कार्यों को आरंभ करने के लिए नारियल जरूरी होता है. ऐसी मान्यता है कि नारियल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है. नवरात्रि पर लाल कपड़े में लपेटकर नारियल जरूर रखें.

7. इसी के साथ नवरात्रि के पूजन सामग्री में देवी की प्रतिमा, लाल चुनरी, लाल वस्त्र, श्रृंगार का सामान, धूपबत्ति, अक्षत, कुमकुम, फूल-माला, पान-सुपारी, लौंग-इलायची, बताशे, कपूर और फल-मिठाई जैसी कई चीजें रखी जाती हैं.