Shardiya Navratri 2022:  29 सितंबर को यानी आज शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है. नवरात्रि (Navratri) के चौथे दिन मां के कूष्मांडा रूप की पूजा होती है. कहा जाता है कि मां कुष्मांडा (Maa Kushmanda) में पूरी सृष्टि का सृजन करने की शक्ति निहित है.

जो भक्त मां कुष्मांडा की पूजा करता है, वो रोग से मुक्त हो जाता है. मां कुष्मांडा की भक्ति करने से यश, बल और पराक्रम में वृद्धि होती है. आइए जानते हैं मां कुष्मांडा के स्वरूप, भोग, और शुभ मुहूर्त के बारे में .  

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मां कूष्मांडा का स्वरूप

संस्कृत में कूष्मांडा का अर्थ कुम्हड़ा होता है, जिसका मतलब बहुत अधिक संख्या में बीज होता है.इन बीजों से नए जीवन का उदय होता है. मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं होती हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजी देवी के नाम से भी जाना जाता है. मां अपनी इन भुजाओं में अमृत कलश, चक्र, गदा, कमल का फूल, धनुष-बाण, कमंडल और जप माला लिए हुए रहती है. मां कूष्मांडा शेर के सवारी करती है.

मां का भोग

मां कूष्मांडा को मालपुआ प्रिय होता है. इसलिए उन्हें मालपुआ का भोग लगाया जाता है. कहते हैं कि जो भक्त सच्चे मन से मां की भक्ति करता है और मालपुआ का भोग लगाता है मां उससे जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और उस पर अपनी छत्रछाया बनाए रखती है.

मां कुष्मांडा की पूजन विधि

-सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान कर लें.

-इसके बाद मां कूष्मांडा का ध्यान कर उनको धूप, दीप, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सुहाग का सामान भेंट करें.

-बाद मां कूष्मांडा को मालपुआ या हल्वा और दही का भोग लगाएं.

-मां का ध्यान करें और विधि पूर्वक उनकी पूजा करें.

-पूजा के अंत में मां की आरती करें.

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मां कूष्मांडा का प्रिय फूल और रंग

मां कूष्मांडा को लाल रंग बेहद प्रिय है, इसलिए पूजा में उनको लाल रंग के फूल जैसे गुड़हल, लाल गुलाब आदि अर्पित कर सकते हैं. इससे देवी प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद देती है.

नवरात्रि के चौथे दिन मां की पूजा का शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:37 से 05:25 सुबह तक

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:47 से 12:35 दोपहर तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 02:11 से 02:58 दोपहर तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:58 से 06:22 शाम तक

अमृत काल- रात्रि 08:39 से 10:13 रात्रि तक

निशिता मुहूर्त-रात्रि 11:47 12:36 सुबह 30 सितम्बर

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)