युवा जुलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग पर तंज कसते हुए बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सरकार को उन्हें (थनबर्ग को) देश को ‘अस्थिर करने की साजिश रचने का प्रमाण प्रदान कर एक दस्तावेज अपलोड ‘ करने के लिए ‘बाल वीरता पुरस्कार’ देना चाहिए.

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए थनबर्ग ने ‘इसमें मदद के इच्छुक लोगों के लिए एक टूलकिट साझा की थी.’ थनबर्ग ने ट्वीट किया था, ‘अगर आप मदद चाहते हैं तो यह रही टूलकिट.’

इस ”टूलकिट’ ने लोगों को उस दस्तावेज तक पहुंच मुहैया कराई जिमसें प्रदर्शन को समर्थन करने के तरीकों के बारे में जानकारी थी. इस दस्तावेज में तत्काल उठाए जाने वाले विभिन्न कदम थे जिसमें ट्विटर पर ज्यादा से ज्यादा पोस्ट करना और भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करना शामिल है.

कुछ आलोचकों ने इस ‘टूलकिट’ को भारत में प्रदर्शन को भड़काने के लिए उनकी साजिश का ‘प्रमाण’ बताया. लेखी ने ट्वीट किया, ‘ मैं ग्रेटा थनबर्ग को बाल वीरता पुरस्कार देने का प्रस्ताव करती हूं, जो भारत सरकार को उन्हें देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने 1/1/ से 26/1/21 तक भारत को अस्थिर करने के लिए एक साजिश रचने के बारे में सबूत प्रदान करने वाले दस्तावेज को अपलोड करके बड़ी सेवा की है.’

थनबर्ग ने किसानों के प्रदर्शनों को बृहस्पतिवार को अपना समर्थन दोहराया, जिस पर लेखी ने कहा, ‘ वह सिर्फ एक बच्ची हैं. मुझे उन लोगों पर तरस आता है जिन्होंने उनका नाम नोबेल (पुरस्कार) के लिए प्रस्तावित किया है. एक बच्चा टिकाऊ खेती बाड़ी, पराली जलाने या फसलों की विविधीकरण, जल संसाधन प्रबंधन को नहीं समझता है, उसे नामित नहीं किया जा सकता है. यह नागरिक समाज और विश्वसनीयता के लिए बुरा है.’