कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते रत्न और आभूषण उद्योग को लगातार दूसरे साल अक्षय तृतीया के अवसर पर ब्रिकी में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा. कारोबारियों ने बताया कि इस साल अक्षय तृतीया पर बिक्री कोविड से पहले 2019 के मुकाबले सिर्फ 10 प्रतिशत रही और स्थानीय लॉकडाउन के चलते ग्राहकों की सीमित आवक थी.

आम साल में उद्योग अक्षय तृतीया के दिन 25-30 टन का कारोबार करता था, लेकिन इस साल इसके मुश्किल से 3-4 टन तक पहुंचने का अनुमान है, क्योंकि ऑफलाइन बिक्री बुरी तरह से प्रभावित हुई है.

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कल्याण ज्वैलर्स जैसे कुछ संगठित कारोबारियों ने सोने की ऑनलाइन बुकिंग की, जिसे बाद में ग्राहकों तक पहुंचाया जाएगा.

पीटीआई के मुताबकि, अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, ‘‘देश भर में पिछले साल की तुलना में महामारी की दूसरी लहर में भारी नुकसान हो रहा है. इससे कुल मिलाकर ग्राहकों में नकारात्मक भावनाएं पैदा हुईं.’’

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उन्होंने कहा कि लगभग 90 प्रतिशत राज्यों में लॉकडाउन लगाए गए हैं, जहां खुदरा आभूषण स्टोर बंद हैं और किसी भी तरह की बिक्री की इजाजात नहीं है.

पेठे ने कहा कि इस साल अक्षय तृतीया पर कारोबार पिछले साल 3-4 टन कारोबार की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 2-2.5 टन और 2019 में 25-30 टन था.

उन्होंने कहा कि कुछ ग्राहक ऑनलाइन या फोन के जरिए सोना खरीद रहे हैं और हालात ठीक होने पर उन्हें आपूर्ति की जाएगी.

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