हिंदू धर्म में भगवान शंकर को महादेव कहा जाता है जिनकी पूजा हर कोई करता है. भगवान शंकर को कई नामों से पुकारा जाता है जिसमें महादेव, भोलेनाथ, भोले भंडारी, शिव शंभु, बाबा कैलाशधारी जैसे नाम सबसे ज्यादा प्रचलित हैं. शंकर भगवान के नाम पर जितने भी पर्व मनाये जाते हैं उनमें से महाशिवरात्री सबसे बड़ा पर्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की शादी हुई थी जिसका उत्सव महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है.

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कब है महाशिवरात्रि?

भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन के महीने में मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. इस साल ये दिन 1 मार्च, 2022 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ऐसा मानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और इस दिन भक्त व्रत रखते हुए उनकी पूजा-पाठ करते हैं. इस दिन भगवान शंकर की पूजा बेल पत्र, बेर, फल, धूप, दूध के साथ की जाती है. बहुत से लोग इस दिन रुद्राभिषेक करवाते हैं जो भगवान शंकर की विशेष पूजा होती है.

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क्या है महाशिवरात्रि की पूजा विधि?

1. महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर की सफाई करें. शिवलिंग में चंदन के लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं.

2. शिवलिंग के पास दीप और कपूर जलाएं, साथ में पूजा करते समय ऊं नमः शिवाय शिवाय का ज्यादा से ज्यादा जाप करें.

3. शिवलिंग के ऊपर बेल पत्र और फूल अर्पित करें, साथ में दूध भी चढ़ाएं.

4. शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति देना चाहिए.

5. पूजा-हवन के बाद एक साबुत आहूति दीजिए और भगवान शंकर को मेवे से बनी खीर का भोग लगाया जा सकता है.

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