उज्जैन में सोमवार को महाकालेश्वर की शाही सवारी धूमधाम से निकाली गई. इस शाही सवारी को देखने के लिए नगर में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. शाही सवारी को मनमोहक तरीके से सजाया गया था. वहीं, महाकालेश्वर की शाही सवारी पर ड्रोन से फूलों की वर्षा की जा रही थी. महाकालेश्वर चांदी की पालकी में हाथी पर सवार थे, ये नजारा काफी भव्य था.

सवारी के आगे नगर के राजा के सम्मान में घुड़सवार दल चल रहा था. इसके पीछे पुलिस बैण्ड “ओम नम: शिवाय” की धुन बजाते हुए तथा सवारी मार्ग में ड्रोन द्वारा बाबा महाकाल पर फूलों की वर्षा की गई. साथ ही श्री हरसिद्धी माता मंदिर पर आरती की गई व मनमोहक आतिशबाजी के साथ बाबा महाकाल का स्वाागत किया गया. पूर्व सवारियों की तरह दो नगाड़े भी आकर्षण का केन्द्र बने हुए थे.

इसके पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभा मण्डप में भगवान श्री मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चन पुजारी श्री घनश्याम शर्मा द्वारा किया गया, जिसके बाद उन्हें पालकी में विराजित किया गया. सभा मण्डप में भगवान मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चना की गई.

भगवान महाकालेश्वर की सवारी में पुलिस बैण्ड के बाद महाकाल का चांदी का ध्वज निकाला गया. इसके बाद सवारी निकली. सवारी के पीछे पांच मुखौटे एक रथ पर एवं हाथी पर चंद्रमौलेश्वर सवार होकर निकले. महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मंदिर से बड़ा गणेश मंदिर होते हुए हरसिद्धि मंदिर चौराहा पहुंची. यहां से झालरिया मठ और बालमुकुंद आश्रम होते हुए सवारी रामघाट पर पर मां शिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन​ किया गया.

रामघाट से पूजन-अर्चन के पश्चात भगवान महाकालेश्वर की पालकी को होमगार्ड के सशस्त्र बल के जवानों द्वारा सलामी दी गई. इस अवसर पर रामघाट पर रंग-बिरंगी छत्रियों में आतिशबाजी आकर्षण का केन्द्र थी. सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल होते हुए हरसिद्धि मंदिर के रास्ते पुन:महाकाल मंदिर पहुंची.