आज के समय में हर जगह Online Transaction हो रहा है और भारत Cashless बनने की ओर बढ़ रहा है. कैशलैश होने के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी किया जाता है जिससे आपके पैसे आपको जहां भी Pay करने हैं वो आसानी से हो सके. ट्रांजेक्शन के दौरान कार्ड डिटेल्स में कई चीजें मांगी जाती हैं जिसमें से एक CVV होता है जिसके बिना आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन डेबिट या क्रेडिट पैसों का लेन-देन नहीं कर सकते हैं. मगर ये CVV इतना जरूरी क्यों होता है, जानते हैं आप?

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1. सुरक्षा को देखते हुए CVV किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए. इसे शेयर करते ही आपके अकाउंट में पैसा सुरक्षित रहना मुश्किल हो जाता है.

2. RBI ने कार्ड के सीवीवी नंबर को याद करने की सलाह दी है जिसे आप कहीं भी सेव नहीं करें और ये कहीं से लीक नहीं हो.

3. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के बाद आपका CVV आसानी से मिट जाता है, इसे आप अपने दिमाग में सेव रखें तो बेहतर होता है.

4. CVV एक तरह का कोड होता है जो क्रेडिट या डेबिट कार्ड के पीछे वाले हिस्से में लिखा होता है.

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5. CVV का फुल फॉर्म Card Varification Value होता है, जिसका मतलब कार्ड के वैरिफिकेशन की महत्वता होती है.

6. शुरुआती दौर में CVV कोड 11 अंकों के होते थे लेकिन अब इसका अंक मात्र 3 ही होता है.

7. CVV सुरक्षा के लिए अहम होता है जिसका प्रदर्शन हमें किसी के सामने भी नहीं करना चाहिए.

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