कोविड-19 महामारी (Covid-19) के दौरान मंदी का असर रियल एस्टेट (Real Estate) बाजार में देखने को मिला था. हालांकि इस दौरान लोगों ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर और ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम (Online Education System) को अपनाया. ऐसे में महामारी के बाद रियल एस्टेट में अचानक तेजी देखी गई है. खासकर भारत के सात शहरों में लोगों ने प्रॉपर्टी (Property) में भारी निवेश (Big Investment) किया और मकान और फ्लैट खरीदे. ऐसे में अनुमान है कि इस साल आवासीय इकाइयों की बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की जाएगी.

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पसंदीदा शहर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2014 में जहां 3.43 लाख यूनिट रेजिडेंशियल यूनिट्स की बिक्री हुई थी. वहीं, इस साल यह आंकड़ा 3.6 लाख तक रहने का अनुमान है. ये आंकड़े भारत के सिर्फ सात शहरों के हैं. जहां लोग प्रॉपर्टी में जमकर निवेश कर रहे हैं. इनमें दिल्ली-एसीआर, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई शामिल हैं. भारत में आवासीय इकाइयों की अनुमानित कुल बिक्री में इन सात शहरों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है.

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प्रथम श्रेणी के शहर

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रॉपर्टी एडवाइजरी कंपनी एनारॉक ने साल 2022 में भारत के फर्स्ट क्लास रेजिडेंशियल मार्केट का डेटा कलेक्ट किया है. डेटा के मुताबिक, इस साल के पहले नौ महीनों में 2.73 लाख रेजिडेंशियल यूनिट्स की बिक्री हुई.

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बड़े डेवलपर्स पर दिखा ज्यादा भरोसा

एनारॉक की रिपोर्ट है कि लोगों द्वारा खरीदी गई अधिकांश प्रॉपर्टी बड़े और ब्रांडेड डेवलपर्स की थीं. ये डेवलपर ब्रांडेड या ग्रेड ए सूचीबद्ध कंपनियां हैं और पिछले 10 वर्षों या उससे अधिक समय से रियल एस्टेट कारोबार में हैं. इन विकासकर्ताओं ने निर्धारित समय में परियोजनाओं को पूरा किया है, जिससे लोगों का उन पर विश्वास बढ़ा है.

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दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2022 रियल एस्टेट खासकर रेजिडेंशियल कैटेगरी के लिए शानदार रहा है. वहीं, इन सात शहरों के अलावा टियर II और टियर III शहरों में भी घरों की मांग काफी अच्छी रही है.