आज के समय में ज्यादातर लोग पारंपरिक खेती को छोड़कर नकदी फसल की तरफ रुख कर रहे हैं. ऐसी फसलों से किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ जाती है. अगर आप भी नकदी फसल करने पर विचार कर रहे हैं तो ये लेख आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. अपने इस लेख में हम आपको एक ऐसे औषधीय गुणों वाले पौधे के बारे में बताएंगे जिसका जड़, तना, पत्ती या बीज सबकुछ बाजार में बिक जाता है. दरअसल हम बात कर रहे हैं गुलखैरा की खेती के बारे में. आप इसकी फसल से मालामाल हो सकते हैं.

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गुलखैरा के पौधे की खास बात ये है कि आप इसे किसी भी फसल के बीच लगाकर मुनाफा कमा सकते हैं. गुलखैरा का इस्तेमाल सबसे ज्यादा दवाइयों में किया जाता है. ऐसे में आप गुलखैरा के फूल की खेती से बंपर कमाई कर सकते हैं.

जानिए कैसे होगी कमाई

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, गुलखैरा 10 हजार रुपये क्विंटल तक बिक जाता है. एक बीघे में 5 क्विंटल तक गुलखैरा निकलता है. लिहाजा एक बीघे में 50 हजार से 60 हजार रुपये की आसानी से कमाई कर सकते हैं. गुलखैरा के फसल की खासियत ये है कि एक बार बुवाई करने के बाद दूसरी बार बाजार से बीज नहीं खरीदना पड़ता.

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इन्हीं फसलों के बीज से दोबारा बुवाई की जा सकती है. गुलखैरा की बुवाई नवंबर महीने में की जाती है. वहीं, फसल अप्रैल-मई महीने में तैयार हो जाती है. फसल तैयार होने के बाद अप्रैल-मई के महीने में पौधों की पत्तियां और तना सूखकर खेत में ही गिर जाते हैं जिसे फिर बाद में इकट्ठा कर लिया जाता है.

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गुलखैरा का इस्तेमाल

गुलखैरा के फूल, पत्तियों और तने का इस्तेमाल यूनानी दवाओं को भी बनाने में किया जाता है. मर्दाना ताकत की दवा में भी इस फूल को इस्तेमाल में लिया जाता है. इसके अतिरिक्त बुखार, खांसी और अन्य लोगों के खिलाफ इस फूल से बनाई गई औषधियां काफी फायदेमंद साबित होती है.

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जानिए कहां होती है सबसे ज्यादा खेती

पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में इस पौधे की सबसे ज्यादा खेती होती है. अब धीरे-धीरे भारत में भी इस पौधे की खेती बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों के किसान इसकी खेती कर रहे हैं. कन्नौज, हरदोई, उन्नाव जैसे जिलों के किसान इसकी पैदावार कर रहे हैं और हर साल बंपर कमाई कर रहे हैं.