आम बजट 2021-22 में प्रोविडेंट फंड को लेकर कई अहम बातें कहीं गई है. एक ओर एम्पलॉयर पर कर्मचारियों का पीएफ जमा करने में देरी को लेकर सख्ती बरती गई है. तो वहीं, अगर कोई कर्मचारी साल में 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा PF कॉन्ट्रिब्यूशन से ब्याज ले रहा है तो उसे टैक्स देना होगा.

प्रोविडेंट फंड कॉन्ट्रिब्‍यूशन से कमाया जाने वाला ब्‍याज अगर साल में 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो उस पर सामान्‍य दरों से टैक्‍स लगेगा. इस कदम से ज्‍यादा वेतन पाने वाले उन लोगों को नुकसान होगा जो टैक्‍स-फ्री इंटरेस्‍ट कमाने के लिए वॉलेंट्ररी प्रोविडेंट फंड (VPF) का इस्‍तेमाल करते हैं.

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ये पहला मौका है जब सरकार ने PF के पैसों पर टैक्स लगान का प्रस्ताव किया है. इससे पहले साल 2016 के बजट में सरकार ने EPD में जमा के 60 फीसदी ब्याज पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया था. हालांकि, बाद में विरोध की वजह से सरकार को वापस लेना पड़ा.

वहीं, इस बजट में इम्प्लॉयर को भी झटका लगा है. वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनियों की ओर से पीएफ का पैसा जमा में देरी करने की वजह से कर्मचारियों को ब्याज और कमाई दोनों में नुकसान होता है. इसलिए कंपनियों अगर समय से कर्मचारियों के पीएफ का पैसा जमा नहीं करती है तो उन्हें ट्रैक्स में छूट नहीं दिया जाएगा.

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बता दें, किसी कंपनी में 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं तो उसका पंजीकरण कर्मचारी भविष्य निधि संगठन मे होना अनिवार्य है. ऐसे में इन कंपनियों में कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलरी का एक हिस्सा बतौर पीएफ काटा जाता है.

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