Home > क्या है Stockholm Syndrome? जानें कहां से आया ये नाम
opoyicentral
आज की ताजा खबर

2 years ago .New Delhi, Delhi, India

क्या है Stockholm Syndrome? जानें कहां से आया ये नाम

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार स्टॉकहोम सिंड्रोम एक ऐसी मनोदशा होती है जब बंधक अपने किडनैपर के प्रति भावनात्मक तौर पर जुड़ जाता है, हमदर्दी जताने लगता है और उसे वह अच्छा लगने लगता है.

Written by:Hema
Published: October 15, 2022 05:18:10 New Delhi, Delhi, India

आप अंदाजा लगाकर देखिये कि कोई अंजान व्यक्ति आपको किडनैप कर ले तो आप उससे नफरत करेंगे या प्यार. आज हम आपको एक ऐसे किडनैपर (kidnapper) की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने 6 दिनों तक 4 लोगों को किडनैप करके रखा. लेकिन हैरानी की बात ये है कि उन बंधकों (Hostages) ने किडनैपर का विरोध करने के बजाए उसका साथ दिया और उससे भावनातमक रूप से जुड़ गए. ये कहानी इतनी फेमस हो गई कि मनोवैज्ञानिकों (psychologists) ने इस कहानी को एक नाम दे दिया. आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला.

यह भी पढ़ें: क्या है Brain Malaria? जानें लक्षण से लेकर बचाव तक सबकुछ

कब की है कहानी

बता दें कि ये कहानी 23 अगस्त 1973 की है जब स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में जैन एरिक ओल्सन (Jan-Eric Olsson) नामक अपराधी ने  अपने एक साथी के साथ बैंक लूटने के इरादे से एक सिक्योरिटी गार्ड को घायल कर दिया और 4 लोगों को बंधक बना लिया. इस बात की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस के आने पर ओल्सन ने पुलिस को अपनी शर्ते बातें और उन्हें पूरा करने के लिए कहा. ओल्सन ने पुलिस को कहा कि अगर उसकी शर्तें पूरी नहीं की गई तो एक-एक करके बंधकों को मार देगा. बता दें कि इन बंधकों में 3 महिलाएं और एक पुरुष था. पुलिस ने ओल्सन की सारी शर्तो को तो मान लिया था लेकिन बंधकों को अपने साथ ले जाने वाली बात से इंकार कर दिया.ओल्सन के व्यवहार से सभी हैरान थे.

यह भी पढ़ें:  आप चाहते हैं शरीर को सुडौल बनाना? तो रोजाना खाएं साबूदाना, मिलेंगे ये 4 जबरदस्त फायदे

इस घटना का टीवी पर लाइव प्रसारण हो रहा था.और सबकी नजरें ओल्सन के एक-एक कदम पर थी. लेकिन हैरानी की बात थी कि ओल्सन का सभी बंधकों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार था. और सभी बंधक ओल्सन से डरने के बजाए उससे प्यार करने लगे थे. ओल्सन ने बंधकों को डराने के बजाए उनकी मदद की और उनका ध्यान रखा. पुलिस ओल्सन के इस बर्ताव से हैरान थी और उन्हें तस्सली भी थी कि ओल्सन बंधकों को कोई नुकसान नहीं पहुचायेगे.

यह भी पढ़ें:  क्यों बढ़ जाती है ठंड में एलर्जी की समस्या? जानें कारण और बचाव के उपाय

बंधक ने खुद प्रधानमंत्री को फोन कर किनैपर के साथ जाने को कहा

एक बंधक ने स्वीडन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ओलोफ पाल्मे (Olof Palme) को फ़ोन कर बताया कि ओल्सन अपने साथ सिर्फ एक बंधक को ले जाना चाहता है और मैं उसके साथ जाने को तैयार हूं. हमें ओल्सन से नहीं बल्कि पुलिस से डर लग रहा है कि कहीं पुलिस ओल्सन को कोई नुकसान न पहुंचा दें. इस बात से प्रधानमंत्री को बहुत अचंभा हुआ.

यह भी पढ़ें:  Weight Loss Habits: शरीर को रखना चाहते हैं पूरी तरह से फिट, तो तुरंत बदल दें ये बुरी आदतें

ऐसे किया ओल्सन ने सरेंडर

जब सब को इस बात का भरोसा हो गया कि ओल्सन किसी भी बंधक को नुकसान नहीं पंहुचाएगा तो पुलिस ने वाल्ट के अंदर आंसू गैस छोड़ दी और ओल्सन ने सरेंडर कर दिया. लेकिन सबको हैरान करने वाली बात ये थी कि सभी बंधको ने अंत तक ओल्सन का साथ दिया.

यह भी पढ़ें: क्या आपको भी है Dust Allergy? इन लक्षणों से करें पता, जानें कैसे करें बचाव 

इस घटना को दिया गया स्टॉकहोम सिंड्रोम का नाम  

इस घटना ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया तब मनोवैज्ञानिकों ने रिसर्च किया और इस मनोदशा को नाम दिया स्टॉकहोम सिंड्रोम (Stockholm Syndrome) बता दें कि ये एक ऐसी मनोदशा होती है जब बंधक अपने किडनैपर के प्रति भावनात्मक तौर पर जुड़ जाता है, हमदर्दी जताने लगता है और उसे वह अच्छा लगने लगता है.

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved