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EPF investment: आपका PF निवेश बनाएगा आपको करोड़पति, इन बातों का रखें ध्यान

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) प्राइवेट सेक्टर के वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित निवेश के साथ सेवानिवृत्ति कोष (Retirement Corpus) बनाने का अवसर प्रदान करता है.

Written by:Akashdeep
Published: July 16, 2022 08:40:29 New Delhi, Delhi, India

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) निजी क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित निवेश के साथ एक सेवानिवृत्ति कोष बनाने का एक अच्छा अवसर देता है. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में नियमित निवेश निश्चित रूप से वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए एक अच्छा विकल्प है और इसकी मदद से वे एक सेवानिवृत्ति कोष का निर्माण कर सकते हैं. सरकार ईपीएफ निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत एक साल में 1.5 लाख रुपये तक की छूट देती है. पांच साल से अधिक के योगदान के बाद परिपक्वता राशि को भी कर से छूट दी गई है. हालांकि, सरकार ने अब प्रति वर्ष पीएफ योगदान राशि में बदलाव किया है और एक नई सूची पेश की है.

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ईपीएफओ के मौजूदा नियमों के मुताबिक, एक कर्मचारी अपने वेतन का 12 फीसदी नियोक्ता मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) के रूप में ईपीएफ में योगदान करता है. हर महीने पैसे में कटौती जो बाद में एक कॉर्पस फंड बनाने में मदद करती है, कर्मचारी द्वारा उसकी सेवानिवृत्ति पर वापस ली जा सकती है.

12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में और 3.67 फीसदी ही ईपीएफ निवेश में जाता है. ईपीएफ का पैसा विशेष परिस्थितियों में निकाला जा सकता है, लेकिन वित्त विशेषज्ञ ऐसा करने से बचने की सलाह देते हैं.

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सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 तक कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.1 प्रतिशत तय किया है. यदि कोई कर्मचारी अपने ईपीएफ खाते से कभी पैसा नहीं निकालता है, तो वह अपने भविष्य निधि में मौजूदा ब्याज दर पर एक करोड़ से अधिक की राशि के साथ सेवानिवृत्त हो सकता है.

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अगर आपने 21 साल की उम्र में 25000 के मूल वेतन के साथ शुरुआत की और 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हुए, तो इसका मतलब है कि आपने 39 साल तक लगातार ईपीएफ निवेश में योगदान दिया. इस हिसाब से आपके रिटायरमेंट फंड में ₹ 1.35 करोड़ से ज्यादा होंगे.

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