MahaShivratri: भारत ही नहीं इन देशों में भी हैं भगवान शिव के भव्य मंदिर, नजारा कर देगा मंत्रमुग्ध
महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है और लोग इस दिन व्रत रखते हैं, मंदिर जाकर शिव जी की उपासना करते हैं और अपनी इच्छापूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. फाल्गुन मास (Falgun Month) के कृष्ण पक्ष में महाशिवरात्रि (MahaShivratri 2022) का पर्व मनाया जाता है. इस साल 1 मार्च, मंगलवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान शिव की उपासना केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में की जाती है. विदेशों में भी बड़े-बड़े शिव मंदिर हैं और वह रहने वाले भारतीयों की आस्था के लिए मंदिरों को निर्माण किया गया.
कटासराज मंदिर, पाकिस्तान
पाकिस्तान के चकवाल में कटासराज मंदिर है, मान्यता है कि इसमें दो कुंड शिव के आंसुओं से बने थे. इतना ही नहीं, वहां के लोगों की मान्यता है कि पांडवों ने वनवास के दौरान यहां समय बिताया था. कहा जाता है कि यहां शिवलिंग स्थापित कृष्ण भगवान ने किए थे.
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पशुपतिनाथ मंदिर, नेपाल
नेपाल के काठमांड़ु में पशुपतिनाथ का मंदिर है और यहां लोग दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं. यह मंदिर 753 ईसवी में बनाया गया था. इस मंदिर के अंदर का लिंगम एक मीटर ऊंचा है और इसके चार मुख हैं.
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लिवरमोर , कैलिफॉर्निया
यूएसए के कैलिफॉर्निया में लिवरमोर मंदिर बनवाया गया है, ऐसा इसलिए है कि वहां रहने वाले भारतीय भगवान शिव की उपासना कर सकें. इस मंदिर के डिजाइन में उत्तर और दक्षिण भरतीय शैलियों का समावेश है. इसके अलावा, तमिलनाडु सरकार द्वारा मंदिर के निर्माण में मदद की गई है.
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प्रम्बनन मंदिर, इंडोनेशिया
इंडोनेशिया के जावा में प्रम्बनन मंदिर है और यह पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा मंदिर कहलाता है. बता दें कि 9वीं शताब्दी का यह मंदिर परिसर के बहुत अंदर जाकर स्थित है. इसकी ऊंचाई लगभग 154 फुट की है और इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
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गुप्तेश्वर मंदिर, ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के मिंटों में गुप्तेश्वर मंदिर है, जो 13वां ज्योर्तिलिंग है. खास बात यह है कि 1999 में नेपाल के राजा बिरेन्द्र बीर बिक्रम शाह देव ने ऑस्ट्रेलिया को तोहफे में दिया था. इसे गुफा मंदिर भी कहा जाता है और यहां एक गहरी तिजोरी बनाई गई है, जिसमें ओम नम: शिवाय लिखे लाखों नोट हैं.
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