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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

पैरों में चांदी की पायल क्यों पहनी जाती है? जानें सोना पहनना क्यों मना होता है

चांदी की पायल और बिछ‍िया को भारतीय महिलाओं के सुहाग से जोडकर देखा जाता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पायल न सिर्फ पैरों की खूबसूरती को बढ़ाती है, बल्‍क‍ि इसका सेहत पर भी सकारात्‍मक असर होता है.

Written by:Stuti
Published: April 04, 2022 04:32:59 New Delhi, Delhi, India

ज्योतिष की मानें तो हम अपना जीवन सुखद और खुशहाल तरीके से बिता सकते हैं. सफलता पाने के लिए ज्योतिष में कुछ खास उपायों के बारे में बताया गया है, जिससे आप आर्थिक समस्याएं भी दूर कर सकते हैं. चांदी की पायल और बिछ‍िया को भारतीय महिलाओं के सुहाग से जोडकर देखा जाता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पायल न सिर्फ पैरों की खूबसूरती को बढ़ाती है, बल्‍क‍ि इसका सेहत पर भी सकारात्‍मक असर होता है. माना जाता है कि भगवान शिव की आंखों से चांदी की उत्पत्ति हुई थी, जिसके कारण चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसलिए भारतीय संस्‍कृत‍ि में चांदी की पायल की खास अहमियत है.

सेहत से जोड़ा जाता है पायल पहनना

मिस्र और मिडिल ईस्ट देशों में इसे सेहत से जोड़कर भी देखा जाता है, इन मुल्कों में ऐसी मान्‍यता है कि पायल पहनने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर सकारात्‍मक असर होता है और इसके लिए वो वजह भी बताते हैं. यहां के लोगों का मानना है कि लड़कियों को पायल पहनने से सेहत बेहतर रहती है.

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शरीर की एनर्जी बनी रहती है

चांदी एक प्रतिक्रियाशील धातु है और यह किसी के शरीर से निकलने वाली ऊर्जा को वापस शरीर में लौटाती है. माना जाता है कि इसे पहनने से शरीर की एनर्जी खोती नहीं है. यानी चांदी का छल्‍ला, बिछिया और पायल हमारी ऊर्जा को बाहर नहीं निकलने देती.

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चांदी में होती हैं खूबियां

इतिहास पर नजर डालें, तो चांदी की पहचान इसके जीवाणुरोधी गुणों के लिए की गई थी. हजारों साल पहले, जब नाविक लंबी यात्राओं पर यात्रा करते थे, तो वे अपने साथ चांदी के सिक्के ले जाते थे, उन सिक्कों को पानी की बोतलों में रख देते थे. वे चांदी वाला पानी पीते थे, क्योंकि यह एक अच्छा कीटाणुनाशक था.

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सोने की पायल क्यों नहीं पहनते?

आयुर्वेद की मानें, तो चांदी पृथ्वी की ऊर्जा के साथ अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करती है, जबकि सोना शरीर की ऊर्जा और आभा के साथ अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करता है. इसलिए पैरों में चांदी की पायल पहनी जाती है.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है

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