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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

बुजुर्गों के लिए इस दिशा में बनवाएं बेडरूम, नहीं होगी स्वास्थ्य की समस्या

यदि आपके घर-परिवार में कोई बुजुर्ग हमेशा बीमार रहता है या उन्‍हें कोई ना कोई बीमारी परेशान करती रहती .है तो इसकी वजह घर का वास्‍तुदोष भी हो सकता है.

Written by:Kaushik
Published: April 17, 2022 10:48:54 New Delhi, Delhi, India

परिवार में बुजुर्ग एक ऐसी धुरी होते हैं जिनके अनुभव पर पूरा घर टिका होता है. घर में बड़े-बुजुर्ग हों तो किसी बात की टेंशन नहीं रहती है. यदि परिवार में बुजुर्गों का स्वास्थ्य बिगड़ जाए तो तनाव सबसे अधिक बढ़ जाता है. क्‍योंकि आप सभी को पता है कि इस उम्र में उनकी इम्‍युनिटी पॉवर इतनी स्ट्रांग नहीं होती कि वह बीमारियों से लड़ पाएं. वो सेहतमंद रहेंगें तो आपको भी टेंशन नहीं होगी. अगर परिवार का बुजुर्ग सेहतमंद रहेंगे तो आप भी बिलकुल तनावमुक्त रहेंगे.

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यदि आपके घर-परिवार में कोई बुजुर्ग हमेशा बीमार रहता है या उन्‍हें कोई ना कोई बीमारी परेशान करती रहती .है तो इसकी वजह घर का वास्‍तुदोष भी हो सकता है. वास्तु शास्त्र की मानें तो हम अपना जीवन सुखद और खुशहाल तरीके से बिता सकते हैं.

यदि दिशा में वास्तुदोष है, उनका शयनकक्ष उचित दिशा में नहीं है या कमरे के अंदरूनी हिस्सों में किसी प्रकार का वास्तुदोष है. तो यह परिवार के बाकी सदस्यों के साथ ही परिवार के बुजुर्गों के स्वास्थ्य और आयु को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. अगर बुजुर्गों का बेडरूम सही दिशा में नहीं है या कमरे के अंदर किसी तरह का वास्तुदोष है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि यह वास्तुदोष परिवार के बुजुर्गों के स्वास्थ्य और आयु को सीधे तौर पर प्रभावित करता है.

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दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) भाग ऊंचा और भारी होना चाहिए

आप ध्यान रखें कि दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) भाग भारी और ऊंचा रहे. यहां कोई वजनी वस्तु रखी जा सकती है. यह दिशा बुजुर्गों की सेहत और परिवार में उनके महत्व को बनाए रखता है.

वास्तु नियम के अनुसार, घर का पूर्वी हिस्सा हवादार और हमेशा खुला रखना चाहिए. यह हिस्सा साफ-सुथरा रहे और धुप आती रहे. इस दिशा में खिड़कियां होना शुभ माना जाता है.

इस दिशा में सीढ़ियां, शौचालय, स्टोर रूम, लंबे पेड़ बिलकुल नहीं लगाना चाहिए. इससे परिवार के बुजुर्गों और बच्चों की सेहत पर खराब प्रभाव पड़ता है.

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बुजुर्गों का कमरा दक्षिण दिशा में होना चाहिए

परिवार के बुजुर्गों और मुखिया का कमरा दक्षिण दिशा या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. यदि बुजुर्ग जॉब से रिटायर हो गए हैं और अब धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में दिन का समय बिताते है. तो उन्हें पूर्व,उत्तर या पूर्व-उत्तर में भी कमरा दिया जा सकता है.

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अगर बुजुर्ग (विशेष रूप से महिला) का बेडरूम दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) कोण में स्थित है। तो ऐसे में परिवार में अशांति पैदा होने की संभावना हो सकती है. इसी तरह यदि उनका कमरा उत्तर-पश्चिम (वायव्य) में है, तो उनके बीमार पड़ने की पूरी आशंका रहती है.

बिस्तर पर सोते समय सिर पूर्वी दिशा में होना चाहिए. यदि यह संभव नहीं हो तो दक्षिण दिशा में भी बदला जा सकता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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