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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

क्या सभी 5G फोन बन जाएंगे कबाड़? सरकार अगले साल से करने जा रही ये बड़ा काम

देश में धड़ाधड़ 5G स्मार्टफोन की बिक्री हो रही है. बता दें कि 5G स्मार्टफोन बिक्री में रोजाना की दर से इजाफा हो रहा है. ऐसे में सरकार अगले साल 5G स्मार्टफोन को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है.

Written by:Vishal
Published: March 23, 2022 05:53:43 New Delhi, Delhi, India

देश में धड़ाधड़ 5G स्मार्टफोन की बिक्री हो रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 5G स्मार्टफोन बिक्री में रोजाना की दर से इजाफा हो रहा है. ऐसे में वाजिब है कि भारत में एक बड़ी आबादी 5G स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रही है लेकिन सरकार भारत में बिकने वाले 5G स्मार्टफोन के इस्तेमाल के लिए टेस्टिंग के बाद सर्टिफिकेट जारी करने पर योजना बना रही है.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या टेस्टिंग में फेल रहने वाले 5G स्मार्टफोन हमेशा के लिए कबाड़ हो सकते हैं. इस मामले में फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी मौजूद नहीं है. हालांकि ऐसा भी संभव है कि भारत सरकार 5G स्मार्टफोन की ग्रेडिंग कर सकती है. सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसा किया जा सकता है. 

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स्मार्टफोन की लोकल टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन होगी जरूरी

रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार की तरफ से हाल ही में देश में बिकने वाली सभी 5G डिवाइस की लोकल टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन करने का ऐलान किया गया है. दूर संचार विभाग की विंग टेलिकॉम इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) की इंटरनल मीटिंग में 5G डिवाइस की अनिवार्ट टेस्टिंग और सर्टिफिकशन ऑफ टेलिकॉम इंक्विपमेंट (MTCTE) करने की योजना बना रही है.

इस योजना के तहत 5G इनेबल्ड स्मार्टफोन, स्मार्ट वॉच, वियरेबल स्मार्ट कैमरा की टेस्टिंग और सर्टिफिकेसन के बाद ही बिक्री की जा सकेगी. सभी 5G डिवाइस की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन की योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2023 से शुरू हो सकती है.

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जानिए क्या है टेलकॉम कंपनियों की दलील

टेलिकॉम कंपनियों और ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स (OEMs) ने दूरसंचार विभाग और भारत सरकार से लोकल टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन ना करने की मांग की है क्योंकि किसी भी 5G डिवाइस पर लॉन्च करने से पहले मिनिस्ट्री ऑफ आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स (MeitY) और ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्रियल स्टैंडर्ड (BIS) से मंजूरी लेनी पड़ती है.

इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर्स को रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य होता है. साथ ही भारतीय सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन भी करना होता है. ऐसे में अलग से टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन की वजह से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की लॉन्चिंग में देरी होने की संभावना है.

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