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1 year ago .New Delhi, Delhi, India

तवांग कहां है? भारत के लिए ये इतना अहम क्यों, चीन क्यों गड़ाए बैठा है नजर

  • तवांग अरुणाचल प्रदेश में करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है
  • सुरक्षा के दृष्टिकोण से तवांग भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है
  • 1962 का भारत-चीन युद्ध है. इस युद्ध में चीन ने तवांग पर कब्जा कर लिया था

Written by:Gautam Kumar
Published: December 13, 2022 04:23:19 New Delhi, Delhi, India

एलएसी (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच
बार-बार झड़प हुई है. इस पर चीनी सैनिकों ने तवांग (Tawang) इलाके में हमला बोल दिया लेकिन
भारतीय सैनिकों (Indian Army) ने उन्हें पीछे धकेल दिया. लेकिन इसके पीछे सवाल उठता है कि चीन
तवांग को अपने नियंत्रण में क्यों लेना चाहता है? भारत के लिए
यह जगह इतनी खास क्यों है?

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तवांग पर क्यों कब्जा करना चाहता है चीन?

तवांग अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह स्थान सेना के लिए रणनीतिक रूप से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही दोनों देशों के बीच भावनात्मक लगाव भी है. इसका कारण 1962 का भारत-चीन युद्ध है. इस युद्ध में चीन ने तवांग पर कब्जा कर लिया था, हालांकि बाद में इसे चीन ने खाली कर दिया था, क्योंकि यह मैकमोहन लाइन के भीतर आता है. बाद में चीन ने इस मैकमोहन लाइन को मानने से इंकार कर दिया. तब से यह जगह चीन को परेशान कर रही है और अब तक चीन यहां तक नहीं पहुंच पाया है. 9 दिसंबर को चीन ने यहां आंख उठाई लेकिन उसे इसका परिणाम भुगतना पड़ा. तवांग पर कब्जा करने के पीछे चीन की खास रणनीति है. इस पोस्ट पर कब्जा कर चीन तिब्बत के साथ-साथ एलएसी पर भी नजर रख सकेगा. यही वजह है कि चीन इस जगह को बार-बार हथियाना चाहता है.

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तवांग पर चीन का कब्जा भारत के लिए बन सकता है खतरा

आइए अब जानते हैं कि यह पॉइंट भारत के दृष्टिकोण से इतना महत्वपूर्ण क्यों है और यह कैसे भारत के लिए खतरा बन सकता है. भारत में दो पॉइंट्स चीन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इनमें से एक तवांग और दूसरी चंबा घाटी है. चंबा घाटी नेपाल-तिब्बत सीमा पर स्थित है, जबकि तवांग चीन-भूटान जंक्शन पर है. अगर चीन तवांग पर कब्जा करने में कामयाब हो जाता है तो वह अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा ठोक सकता है. 1962 के युद्ध में भारत को इसे लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. भारत कभी नहीं चाहेगा कि यह पोस्ट चीन के नियंत्रण में जाए. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से भारत यहां काफी तेजी से अपना निर्माण कार्य कर रहा है ताकि निगरानी के स्तर को बढ़ाया जा सके.

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