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क्या है जाति आधारित गणना? 7 जनवरी 2023 से बिहार में हुई शुरू

बिहार में 7 जनवरी 2023 से बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना की शुरुआत हो गई है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

Written by:Vishal
Published: January 07, 2023 09:22:09 Bihar, India

What is Caste-Based Census in Hindi: बिहार (Bihar) में 7 जनवरी 2023 से बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना (What is Caste-Based Census) की शुरुआत हो गई है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इसे शुरू करने का उद्देश्य बताया. उन्होंने कहा कि ये हमें वैज्ञानिक आंकड़े देगा, जिससे उसके अनुसार बजट और समाज कल्याण की योजनाएं बनाई जा सकेंगी. इसके अलावा उन्होंने भाजपा (BJP) पर भी बड़ा हमला किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गरीब विरोधी है, वे नहीं चाहते कि ऐसा हो. चलिए अब आपको बताते हैं कि जाति आधारित गणना (Caste-Based Census) आखिर है क्या.

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क्या है जाति आधारित गणना? (What is Caste-Based Census?)

जाति आधारित गणना में सबसे पहले 15 दिनों तक मकानों पर संख्या अंकित की जाएगी. इसके लिए वार्ड स्तर पर नजरी नक्शा तैयार किया गया है. मकानों पर संख्या डालने के बाद वार्ड के आधार पर प्रगणक परिवारों की गिनती करेंगे. एक प्रगणक को 150 घरों की गिनती करनी होगी. बता दें कि एक वार्ड में 2 प्रगणक लगाए गए हैं. वार्ड बड़ा होने पर प्रगणकों की संख्या बढ़ाई जाएगी.

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बता दें कि मकानों पर संख्या दर्ज करने का काम वार्ड के उत्तर-पश्चिम हिस्से से शुरू होगा. प्रगणक घड़ी की सूइयों की विपरीत दिशा यानी एंटी क्लाक वाइज घूमेंगे. फिर संख्या अंकित करने का काम पूरा वहीं पहुंच जाएगा जहां से उन्होंने शुरू किया था. फिर बाद में मकानों पर दिए गए यही नंबर संबंधित व्यक्ति के स्थाई पते के रूप में जाने जाएंगे. बता दें कि नंबर दिए जाने की पूरी प्रक्रिया इस महीने के आखिर तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जाति आधारित गणना के तहत घर पर पहुंचे प्रगणक को 10 तरह की जानकारी दर्ज करनी होगी. दसवें काॅलम में उस घर के मुखिया के हस्ताक्षर लेने जरूरी है. अगर एक घर में दो या तीन परिवार रहते हैं तो सभी की गणना अलग-अलग प्रपत्र में होगी. इसके अलावा ये भी जानकारी देनी होगी कि प्रगणक किस तारीख को किस के घर में गिनती करने के लिए गया. शहरी क्षेत्र में बहुमंजिला इमारत के लिए 2 प्रगणक गणना करेंगे.

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जाति आधारित गणना में प्रखंड में उपलब्ध सुविधाएं मसलन सड़क, रेललाइन, तालाब, पूजा स्थल, स्कूल, डिस्पेंसरी आदि से जुड़ी जानकारी इकट्ठा की जाएगी. इसके अलावा परिवार की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी ली जाएगी. इस क्रम में ये देखा जाएगा कि संबंधित परिवार की रोजी-रोटी का जरिया क्या है? उसके पास मोबाइल, गाड़ी सरकारी या फिर प्राइवेट नौकरी, स्कूल आदि की जानकारी इकट्ठा की जाएगी. ये सब फरवरी में शुरू हो जाएगा.

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