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तमिलनाडु चॉपर हादसा: इकलौते जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की अपने स्कूल को लिखी भावुक चिट्ठी वायरल

वीरता पुरस्कार और शौर्य चक्र से सम्मानित और अब जीवन के लिए संघर्ष कर रहे इंडियन एयर फोर्स के ऑफिसर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने इस साल सितंबर में अपने स्कूल को एक भावुक पत्र लिखा था. जिसमें छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि एकेडेमिक्स में औसत होना ठीक है, ये जीवन की सच्चाई नहीं.

Written by:Akashdeep
Published: December 10, 2021 02:01:20 New Delhi, Delhi, India

तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में इकलौते जीवित बचे इंडियन एयर फोर्स के ऑफिसर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Varun Singh) का अपने स्कूल को लिखा पत्र वायरल हो रहा है. उन्होंने सितंबर में लिखी चिट्ठी में स्टूडेंट्स से कहा है कि ‘औसत होना बुरा नहीं है.’ अपने  ग्रुप कैप्टन सिंह अभी बेंगलुरु के एक सैन्य अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.

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पिछले साल उन्हें अपने ‘तेजस लाइट फाइटर एयरक्राफ्ट’ में एक बड़ी तकनीकी खराबी के बाद एक संभावित मध्य-हवाई दुर्घटना को टालने के लिए अगस्त में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.

ग्रुप कैप्टन सिंह ने हरियाणा के चंडीमंदिर में आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल को लिखे पत्र में कहा, “औसत दर्जे का होना ठीक है. हर कोई स्कूल में उत्कृष्ट नहीं होता और हर कोई 90 प्रतिशत स्कोर नहीं कर पाएगा.  यदि आप करते हैं, यह एक अद्भुत उपलब्धि है और इसकी सराहना की जानी चाहिए.”

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उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो यह न सोचें कि आप औसत दर्जे के हैं. आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं, लेकिन यह जीवन में आने वाली चीजों का कोई पैमाना नहीं है.”

उन्होंने पत्र में लिखा, “अपनी कॉलिंग को पहचाने, यह कला, संगीत, ग्राफिक डिज़ाइन, साहित्य इत्यादि हो सकता है. आप जो भी काम करते हैं, समर्पित रहें, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें. कभी भी बिस्तर पर यह सोचते हुए न जाएं कि मैं और प्रयास कर सकता था.”

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ऑफिसर ने कहा कि वह एक औसत छात्र थे और 12वीं कक्षा में मुश्किल से प्रथम डिवीज़न में आए थे, लेकिन उन्हें विमानों का शौक था. उन्होंने लिखा, “मैं आपको गर्व और नम्रता की भावना से भरकर लिख रहा हूं. इस साल 15 अगस्त को मुझे 12 अक्टूबर, 2020 को वीरता के एक कार्य के सम्मान में भारत के राष्ट्रपति द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.”

ग्रुप कैप्टन सिंह ने 18 सितंबर को लिखे पत्र में लिखा, “मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का श्रेय उन सभी को देता हूं, जिनसे मैं वर्षों से स्कूल, एनडीए और उसके बाद वायु सेना से जुड़ा, क्योंकि मेरा दृढ़ विश्वास है कि उस दिन मेरे एक्शन मेरे शिक्षकों और साथियों द्वारा संवारने और सलाह देने का परिणाम थे.”

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ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के परिवार के कई सदस्य सशस्त्र बलों में देश को अपनी सेवा दे रहे हैं. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भारतीय वायु सेना (IAF) से हैं, उनके पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह, आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट से सेना के जवान थे. कर्नल केपी सिंह के बेटे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह भारतीय नौसेना में एक अधिकारी हैं.

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शौर्य चक्र से सम्मानित हैं, जो उन्हें इस साल की शुरुआत में स्वतंत्रता दिवस पर प्रदान किया गया था. वह पहले बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना के साथ एक परीक्षण पायलट थे. एक घटना के दौरान ग्रुप कैप्टन वरुण ने हवाई आपात स्थिति के दौरान अपनी निजी सुरक्षा की परवाह किए बिना अपने लड़ाकू विमान तेजस को बचाया था.

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उनके विमान ने अपना नियंत्रण खो दिया था और उस समय वह चमत्कारिक ढंग से बच निकले थे. वे वर्तमान में वेलिंगटन के स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षक के पद पर तैनात हैं.

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के निवासी कर्नल केपी सिंह और उनकी पत्नी अब भोपाल के निवासी हैं, जो पूर्व में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद बस गए थे. वे अपने दूसरे बेटे के साथ मुंबई में थे जब आज यह दुर्घटना हुई.

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