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सिंघाड़ा कौन-कौन सी बीमारियों में आता है काम, ये अनेक तत्वों का है खजाना

  • सिंघाड़ा एक जलीय फल है जिसे अंग्रेजी में 'वॉटर चेस्‍टनट
  • सिंघाड़े में कई पोषक तत्व होते हैं जो बीमारियों से बचाते हैं
  • सिंघाड़ा अस्थमा की बीमारी में बेहद अच्छा माना जाता है.

Written by:Hema
Published: October 07, 2022 09:30:48 New Delhi, Delhi, India

सर्दियां आते ही बाजारों में सिंघाड़ा (Water Chestnut) मिलने लगता है, मीठा-मीठा सिंघाड़ा हर किसी को पसंद होता है. सिंघाड़ा एक जलीय फल है (Water Chestnut Is An Aquatic Fruit) जिसे अंग्रेजी में ‘वॉटर चेस्‍टनट'(Water Chestnut) कहा जाता है. इसे कच्चा, उबालकर या फिर चटनी बनाकर भी खाया जा सकता है. कुछ लोग सिंघाड़े का हलवा बनाकर भी खाते हैं. व्रत में सिंघाड़ा का आटा भी मिलता है. सिंघाड़ा बेहद पोष्टिक माना जाता है.

इसमें कैल्शियम (Calcium), विटामिन-ए (Vitamin-A,C),  कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), प्रोटीन (Protein) जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. एक अकेले सिंघाड़े में कई बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है. आइए आज हम जानते हैं कि सिंघाड़े खाने से कौन-कौन सी बीमारियों से बचा जा सकता है.

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अस्थमा

सिंघाड़ा खाने में अच्छा लगता है, इसका स्वाद अच्छा होने के साथ-साथ ये अस्थमा के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. यदि आप अस्थमा की बीमारी से परेशान हैं तो एक चम्मच सिंघाड़े के आटे को ठंडे पानी में मिलाकर खाने से अस्थमा के मरीजों को राहत मिलती है.

बवासीर

अगर आप बवासीर की समस्या से परेशान हैं तो सिंघाड़ा आपके लिए भी बेहद फायदेमंद है. बवासीर की दिक्कत होने पर कच्चा सिंघाड़ा नियमित खाने से परेशानी दूर होगी. यदि कच्चे सिंघाड़े का मौसम न हो तो  सिंघाड़े के आटे की रोटियां भी खाई जा सकती हैं.

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गर्भाशय के लिए

 वो महिलाएं जिनका गर्भाशय कमजोर हो और कंसीव करने में दिक्कत आ रही हो तो उन लोगों को नियमित रूप से कच्चा सिंघाड़ा खाने से फायदा होता है.

टॉन्सिल का इलाज

सिंघाड़े में पाया जाने वाला आयोडीन गले में होने वाले टॉन्सिल के इलाज में लाभदायक है. इसमें ताजा फल या उसका चूर्ण भी खा सकते हैं ये दोनों ही  फायदेमंद होते है.  सिंघाड़े को पानी में उबालकर कुल्ला करने से भी टॉन्सिल में आराम मिलता है.

बालों का संरक्षक

बाल झड़ने की समस्या आम है. ऐसे में सिंघाड़े में मौजूद निमैनिक और लॉरिक जैसे एसिड बालों को नुकसान पहुंचाने से बचाते है और उन्हें घना और मजबूत बनाता है.

थायरॉयड और घेंघा रोग में लाभदायक

सिंघाड़े में मौजूद आयोडीन, मैंगनीज जैसे मिनरल्स थायराइड और घेंघा रोग की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं. सिंघाड़े का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से आप इस समस्या से बच सकते हैं.

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मांसपेशियां

अगर आपके अंदर कमजोरी है या मांसपेशियां कमजोर हैं तो, सिंघाड़ा खाने से लाभ मिलता है. सिंघाड़ा पित्त और कफ को खत्म करता है और आपको हेल्दी बनाता है.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)

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