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हरियाली तीज पर गाए जाते हैं ये लोकगीत, यहां देखें लिरिक्स

हरियाली तीज के दिन लोकगीत गाने की प्रथा अधिक पुरानी है. इस पर्व के मौके पर लड़कियां और महिलाएं लोकगीत गाकर पूरे वातावरण को सकारात्मक करती हैं.

Written by:Kaushik
Published: July 31, 2022 03:03:33 New Delhi, Delhi, India

सावन के महीने की शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) का पर्व मनाया जाता है. इसे कुछ जगह छोटी तीज भी कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा (Puja) की जाती है. हरियाली तीज में सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दिन लोकगीत गाने की प्रथा अधिक पुरानी है. इस पर्व के मौके पर लड़कियां और महिलाएं लोकगीत गाकर पूरे वातावरण को सकारात्मक करती हैं.

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हरियाली तीज में लोकगीत गाने और झूला झूलने विशेष महत्व है. इस दिन तरह-तरह के लोकगीत गाए जाते हैं. इन लोकगीतों से चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा आती है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे हरियाली तीज में गाए जाने वाले लोकगीत के बारे में.

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गाए जाते हैं ये लोकगीत

1.झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

राधा संग में झूलें कान्हा झूमें अब तो सारा बाग़,

झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

नैन भर के रस का प्याला देखे श्यामा को नदं लाला,

घन बरसे उमड़ उमड़ के देखों नृत्य करे बृज बाला,

छमछम करती ये पायलियाँ खोले मन के सारे राज,

झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

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2- अम्मा मेरी रंग भरा जी, ए जी कोई आई हैं हरियाली तीज।

घर-घर झूला झूलें कामिनी जी, बन बन मोर पपीहा बोलता जी।

एजी कोई गावत गीत मल्हार,सावन आया…

कोयल कूकत अम्बुआ की डार पें जी, बादल गरजे, चमके बिजली जी

एजी कोई उठी है घटा घनघोर, थर-थर हिवड़ा अम्मा मेरी कांपता जी

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3.सावन का महीना, झुलावे चित चोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

मनवा घबराये मोरा बहे पूरवैया, झूला डाला है नीचे कदम्ब की छैयां…

कारी अंधियारी घटा है घनघोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

सखियां करे क्या जाने हमको इशारा, मन्द मन्द बहे जल यमुना की धारा…

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4.नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा,

एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में,

बाबुल के राज में…

संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा,

नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा.

ए झूला डाला मैंने भैया के राज में,

भैया के राज में…

गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलणा,

नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा…

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5.श्री राधेजी के आगे चले ना कोई जोर, धीरे झूलो राधे, पवन करे शोर,

मेघवा तो गरजे देखो बोले कोयल कारी, पाछवा में पायल बाजे नाचे बृज की नारी…

श्री राधे परती वारो हिमरवाकी और, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

सावन का महीना झूलावे चित चोर…

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