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6 months ago .New Delhi, India

Diwali Bhai Dooj Story: क्या है दिवाली में भाई दूज मनाने का कारण? यहां जानें पौराणिक कथा

दिवाली के बाद भाई दूज मनाई जाती है. (फोटो साभार:Freepik)

दिवाली के तीसरे दिन भाई दूज का पर्व मनाते हैं. ये कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर आती है. भाई दूज के पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी कहते हैं.

Written by:Sneha
Published: November 13, 2023 01:00:00 New Delhi, India

Diwali Bhai Dooj Story: सनातन धर्म में हिंदू पंचांग के अनुसार हर व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं. कार्तिक मास में कई सारे व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं और दिवाली के बाद अब भाई दूज का इंतजार लोगों को है. भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज को बहुत से लोग यम द्वितीया या भाई द्वितीया भी कहते हैं. भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार दिवाली के दो दिन बाद आता है क्योंकि दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है. दिवाली 5 दिनों का पर्व होता है. भाई दूज क्यों मनाया जाता है, इसे मनाने के पीछे की मान्यता क्या है चलिए आपको विस्तार में बताते हैं.

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क्यों मनाया जाता है दिवाली में भाई दूज? (Diwali Bhai Dooj Story)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और उनकी पत्नी छाया के दो बच्चे थे, यमराज और यमुना. यमुना हमेशा चाहती थी कि यमराज उनके घर भोजन के लिए आए. लेकिन यमराज उसकी विनती टाल देते थे. एक बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को दोपहर में यमराज अपने घर पहुंचे. यमुना अपने भाई को अपने घर के दरवाजे पर देखकर बहुत खुश हुई. इसके बाद यमुना ने भाई यमराज को दिल से खाना खिलाया. बहन का स्नेह देखकर यमदेव ने उससे वरदान मांगने को कहा. इस पर उन्होंने यमराज से वचन मांगा कि वह हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भोजन करने आएं. इसके साथ ही मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई का आदर-सत्कार के साथ टीका करें, उनमें यमराज से कोई भय न हो. तब यमराज ने अपनी बहन को यह वरदान दिया और कहा कि अब से ऐसा ही होगा. तब से यह परंपरा चली आ रही है. इसलिए भैया दूज के दिन यमराज और यमुना की पूजा की जाती है.

भाई दूज पर तिलक का महत्व

यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है कि भाई दूज के दिन बहनें भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि के लिए तिलक करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन जो बहन अपने भाई के माथे पर कुमकुम का तिलक करती है, उसके भाई को सभी सुख मिलते हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार भाई दूज के दिन जो भाई अपनी बहन के घर तिलक लगाकर भोजन करने जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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