1 अक्टूबर से हुए ये 4 बड़े बदलाव, कहीं आपके ऊपर भी तो नहीं हो रहा इसका असर?
- 1 अक्टूबर 2021 का महीने आपके लिए कई बदलाव लेकर आया है.
- पहली तारीख से रुपये-पैसों को लेकर भी कई बदलाव आए हैं.
- ये बदलाव हर किसी पर असल डाल सकता है.
1 अक्टूबर तारीख से हर साल कई नियम और कानून लागू होते हैं. 1 अक्टूबर, 2021 से भी कई बदलाव हुए हैं और नए लागू होने वाले नियम या बदलाव रुपये-पैसों के लेनदेन या शेयर बाजार में ट्रेंडिंग से जुड़े ज्यादा होते हैं. इसमें तीन चेकबुक्स और MICR कोड का इनवैलिड होना है. पूंजी बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड में बदलाव किए हैं साथ ही कार्ड से होने वाले ऑटो डेबिट के लिए RBI ने नया नियम लागू किया है. चलिए बताते हैं कौन से हैं वे बड़े बदलाव?
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तीन बैंक्स की चेकबुक बदलीं
इलाहाबाद बैंक इंडियन बैंक में मर्ज हुई, जो 1 अप्रैल 2020 से प्रभाव में आया. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया पंजाब बैंक में मर्ज हुई इसका प्रभाव 1 अप्रैल, 2019 में आया. इन तीनों पूर्ववर्ती बैंकों के ग्राहकों को 30 सितंबर तक नए चेक बुक्स लेने के लिए कहा गया था. अगर नहीं ली है तो पुराने चैक बुक्स अब नहीं चलेंगे.
ऑटो डेबिट के नियम बदले
1 अक्टूबर से क्रेडिट या डेबिट कार्ड से होने वाले ऑटो डेबिट के लिए RBI का नया नियम लागू हुआ है. आरबीआई का आदेश है कि 1 अक्टूबर, 2021 से बैंक्स और दूसरे वित्तीय संस्थानों को डेबिट/क्रेडिट/मोबाइल वॉलेट पर 5,000 रुपये ज्यादा ऑटो डेबिट मैन्टेड के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन की मांग होगी. इसके अंतर्गत डेबिट या क्रेडिट या मोबाइल वॉलेट से होने वाले ऑटो डेबिट तब तक नहीं होंगे जब तक ग्राहक की मंजूरी नहीं होगी.
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इनएक्टिव हो जाएंगे डीमैट खाते
डीमैट, ट्रेंडिंग अकाउंट्स वालों को पूंजी बाजार नियामक सेबी ने KYC डिटेल्स अपडेट करने के लिए 30 सितंबर, 2021 तक का समय दिया था. इसके पहले इसकी डेडलाइन की तारीख 31 जुलाई, 2021 थी लेकिन फिर इसे 30 सितंबर, 2021 के लिए बढ़ा दिया गया था. 30 सितंबर तक अगर कोई अपने डीमैट या ट्रेंडिंग खाते में केवाईसी कराकर डिटेल्स अपडेट नहीं करते हैं तो खातों को निष्क्रिय कर दिया जाएगा.
फूड सेफ्टी के नए नियम
FSSAI यानी खाद्य सुरक्षा नियामक ने खाद्य व्यापार परिचालकों के लिए 1 अक्टूबर, 2021 से नकद रसीद पर FSSAI लाइसेंस नंबर या पंजीकरण संख्या का उल्लेख करना जरूरी है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के आदेशों के मुताबिक, लाइसेंसिंग और पंजीकरण अधिकारियों को नीति का व्यापक प्रचार करने और 2 अक्टूबर, 2021 से इसे लागू करने का सुनिश्चित किया है.
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