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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

Santan Saptami 2022: कब है संतान सप्तमी का व्रत? जानें पूजा-विधि

संतान सप्तमी व्रत अपने बच्चों के लंबे जीवन और कल्याण के लिए मनाया जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इसे संतान का वरदान भी माना जाता है. संतान सप्तमी व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है.

Written by:Gautam Kumar
Published: September 02, 2022 03:06:21 New Delhi, Delhi, India

Santan Saptami 2022: संतान सप्तमी (Santan Saptami) एक शुभ हिंदू (Hindu) त्योहार (Festival) है जिसका एक विशेष महत्व है. इस दिन माता-पिता अपने बच्चों के लिए व्रत (Fast) रखते हैं और संतान प्राप्ति लिए भी व्रत रखते हैं. यह सप्तमी तिथि को मनाया जाता है, जो हिंदू चंद्र कैलेंडर के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सातवीं तिथि है.

इस वर्ष यह 3 सितंबर 2022 को मनाया जाएगा. यह कई रूपों में मनाया जाता है, जैसे बालक सप्तमी, ललिता सप्तमी, अपराजिता सप्तमी और मुक्ताभरण सप्तमी.

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संतान सप्तमी 2022 तिथि :-

शनिवार, 3 सितंबर 2022 को देश भर में संतान सप्तमी का व्रत और पर्व मनाया जाएगा.

सप्तमी तिथि प्रारंभ:

सप्तमी तिथि 2 सितंबर 2022 को शुक्रवार सुबह 11:00 बजे शुरू होगी. 3 सितंबर 2022 शनिवार को सुबह 9:15 बजे समाप्त होगा.

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पूजा अनुष्ठान कैसे करें

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े धारण कर पूजा प्रारंभ करें.

पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ कर लें और लाल कपड़ा बिछा दें.

भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें.

परिवार के साथ भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.

कलश में पानी भरकर रखें और आम के पत्तों से मुंह को ढक लें. इसके ऊपर नारियल डालें.

दीपक जलाएं और फूल, अक्षत, पान, सुपारी और नैवेद्य अर्पित करें.

भगवान शिव को लाल मौली (लाल पवित्र धागा) अर्पित करें. पूजा के बाद इस धागे को बच्चे की कलाई पर बांधें.

संकल्प लें, संतान सप्तमी का व्रत रखने का संकल्प लें.

खीर-पूरी और आटे और गुड़ से बनी मीठी खीर का भोग लगाएं.

पूजा स्थल पर सात पुए को केले के पत्ते पर बांधकर रखें.

संतान सप्तमी व्रत की कथा पढ़ें.

आरती और भोग के बाद व्रत का समापन होता है.

किसी ब्राह्मण को सात पुए दान करें और पूआ खाकर व्रत तोड़ें

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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