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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

Rishi Panchami 2022: ऋषि पंचमी का मतलब क्या है? जानें इसका महत्व

  • ऋषि पंचमी के दिन गंगा स्नान करना काफी शुभ माना जाता है
  • इस दिन विधि विधान से सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है
  • इस तिथि के अवसर पर पूजा पाठ करने के बाद दान का विशेष महत्व है

Written by:Ashis
Published: September 01, 2022 06:00:13 New Delhi, Delhi, India

Rishi Panchami 2022: भक्तों को उनके पापों से मुक्ति दिलाने वाली भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी के रूप में जाना जाता है. हिंदू धर्म में इस तिथि को बहुत ही शुभ माना गया है. आपको बता दें कि यह तिथि पूरी तरह से सप्त ऋषियों को समर्पित माना गयी है. इस दिन प्रात: गंगा स्‍नान करने के बाद दान ध्यान करने का विशेष महत्‍व बतलाया गया है.

इस साल 1 सितंबर 2022 दिन गुरुवार को पड़ने वाली ऋषि पंचमी को लेकर मान्यता है कि इस दिन जो भी शुद्ध मन से और सच्चे श्रद्धा भाव के साथ विधि विधान से सप्त ऋषियों का पूजन करता है. उसके जीवन के सभी पाप मिट जाते हैं और उसको अखण्ड सौभाग्य वर प्राप्त होता है.

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ऋषि पंचमी का महत्व

वहीं अगर ऋषि पंचमी के महत्व की बात करें, तो सनातन धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन ज्यादातर महिलाएं इस व्रत को धारण करती हैं और पौराणिक मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान से की गई सप्त ऋषियों की पूजा के फलस्वरूप व्रत धारण करने वाली महिलाओं के द्वारा उनके जीवन में होने वाले सभी जाने अनजानें पापों से उन्हें मुक्ति मिल जाती है और उनका कल्याण होता है.

ऐसे में मान्यता यह भी है कि इस दिन व्रत धारण करने से और विधि विधान से पूजा पाठ करने से आपके पुराने जन्मों के किए गए पापों का जो नकारात्मक फल होता है. वह सकारात्मकता में बदल जाता है.

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ऋषि पंचमी पर करें ये काम

ऋषि पंचमी के दिन व्रत धारण करने वालों के लिए गंगा स्नान करना काफी शुभ माना जाता है. अगर किसी करणवश आप वहां न पहुंच सकें, तो घर में नहाने वाले जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करके पूजा घर में आसन लगाकर बैठ जाएं और एक चौकी तैयार करें. चौकी में हल्दी, कुमकुम से चौकोर मंडल बनाकर सप्तऋषियों की स्थापना करें.

इसके बाद आपको चंदन लगाकर पुष्प माला अर्पित करनी होती है. ऐसा करने के बाद मिठाई व फल का भोग लगाना चाहिए. इसके साथ साथ आपको धूप जलाकर इस व्रत की कथा का श्रवण करना चाहिए. ऐसा करने से आपके सारे पाप तो मिटते ही हैं. साथ ही आपका कल्याण भी होता है और ध्यान रहे पूजा करने के बाद दान जरूर करें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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