Navratri 2023: संसार के सभी प्राणियों में एक ही शक्ति विद्यमान है, इस शक्ति के बिना प्राणी का शरीर निर्जीव हो जाता है. यह शक्ति हैं मां भगवती जिन्हें हम उनके गुणों और कार्यों के अनुसार अलग-अलग नामों से जानते हैं जैसे कि महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, दुर्गा, चंडिका, चामुंडा, शैलपुत्री आदि. मां भगवती आदिशक्ति हैं इसलिए उनकी पूजा नवरात्रि में की जाती है.

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ग्रह नक्षत्रों में भी होती हैं शक्तियां

12 राशियों, 27 नक्षत्रों और नौ ग्रहों में भी शक्तियां निहित हैं. ये शक्तियां ही ब्रह्मांड में किसी भी क्रिया को गति देती हैं. जिससे लोगों की उन्नति अथवा अवनति होती है. भले ही ज्योतिषीय भविष्यवाणियां ग्रहों और नक्षत्रों के आधार पर की जाती हैं, लेकिन उनमें विनाशकारी और निर्णायक शक्तियों का वर्चस्व होता है. ये दोनों ही शिव शक्ति के रूप हैं.

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शक्ति स्वरूपा

शक्ति स्वरूपा देवी को न सिर्फ भारतीय लोग मानते हैं, बल्कि अब दुनिया के कई देशों के लोगों में भी यह सोच उभर रही है. इस सन्दर्भ में यह समझना चाहिए कि अर्धनारीश्वर की अवधारणा मात्र कल्पना नहीं बल्कि सत्य है जो जीव-जंतु से लेकर अनंत ब्रह्माण्ड तक दो आकर्षक रूपों में विद्यमान है. इन्हें स्त्री और पुरुष, धन और ऋण, शिव और शक्ति के नाम से जाना जाता है.

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शारदीय नवरात्र में देवी के नौ स्वरूपों की करें पूजा

शारदीय नवरात्रि आश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानी 15 अक्टूबर, रविवार से शुरू हो रही है. नवमी 23 अक्टूबर, सोमवार को होगी. देवी के नौ रूपों की पूजा करके आप भी शक्ति और सामर्थ्य प्राप्त करें. शक्ति को दुर्गा, चंडिका, चामुंडा, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, शैलपुत्री, चंद्रघंटा, कूष्मांडा आदि अनेक नामों से पुकारा जाता है, लेकिन हैं सभी एक ही. ये नाम उनके द्वारा अलग-अलग समय और चरणों में किये गये कार्यों पर आधारित हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)