मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) पर इस बार बेहद दुर्लभ योग बन रहा है. हिंदू (Hindu) पंचांग के अनुसार अमावस्या (Amavasya) शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनैश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा. पंचांग के अनुसार माघ मास में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन स्नान के साथ ही पितरों को तर्पण करना शुभ माना जाता है. मौनी अमावस्या के दिन भगवान श्री हरि विष्णु सहित पितरों की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. जानिए मौनी अमावस्या के दिन कौन से उपाय करने शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी.

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साढ़ेसाती और ढैय्या

इस वर्ष शनि अमावस्या भी मौनी अमावस्या के दिन ही है. ऐसे में इस दिन स्नान कर के शनिदेव की पूजा जरूर करें. उन्हें काले तिल और सरसों का तेल चढ़ाएं. शनि के गोचर के कारण जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हुई है. इस दिन शनिदेव के उपाय करने से इसके दुष्प्रभाव कम होते हैं.

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कब है मौनी अमावस्या

हिंदू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या 21 जनवरी को सुबह 6:17 बजे से 22 जनवरी को दोपहर 2:22 बजे तक रहेगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु इस दिन गंगा के संगम पर स्नान करने आते हैं. वहीं इस दिन हरिद्वार में गंगा, उज्जैन में शिप्रा और नासिक में गोदावरी में स्नान करने से अमृत की बूंदों का स्पर्श प्राप्त होता है.

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उपाय

इस बार मौनी अमावस्या शनिवार को पड़ रही है. ऐसे में शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं और इसके साथ शनि चालीसा का पाठ करें. इसके अलावा शनि देव को काले तिल चढ़ाएं और काला कपड़ा पहनकर शनिदेव की आरती करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)